आज नहीं तो कल
होगा परिवर्तन
चंहु और फेले होगे पुष्प
और मंद – मंद पुष्पों की खुशबु
उमड रहे होगे भवरे
तितलिय भी होगी
और होगी चिड़िया की चु – चु
चंहु और फेली होगी
रंगो की बोछार
आज नहीं तो कल
होगा परिवर्तन
आज नहीं तो कल
होगा परिवर्तन
चंहु और फेले होगे पुष्प
और मंद – मंद पुष्पों की खुशबु
उमड रहे होगे भवरे
तितलिय भी होगी
और होगी चिड़िया की चु – चु
चंहु और फेली होगी
रंगो की बोछार
आज नहीं तो कल
होगा परिवर्तन
कहा गये वो सुंदर फूल
कहा गई वो मुस्कान
कहा उड़ गई सारी धुल
क्यों चुप हो गए गाने
झूले अब थम से गए
पिता खड़ा खामोश है
मेंदान भी जम से गए
हर घर आगन मदहोश है
बहुत ढूँढा तो पता चला कि
वो सब बच्चे वहा है
जहा पर खुशिया बेरंग है
बचपन जीना मना है
वहा बच्चो से बंगले बनवाये जाते है
चुड़ीयाँ, कंगन, बीडी भी बनवाई जाती है |
सुनाती थी न तुम कहानी
भारत था सोने की चिडिया
बहती थी दूध दही की नदीया,
वही सपना देखती हु में बार बार
उसी सपने को करने साकार
अंतर मन में सुय किरणों को भरती हु माँ
कहती थी न तुम की
भारत है देवो की भूमि,
भारत है ज्ञानियों की भूमि,
फिर से राम राजय लाने का सपना
देखती हु में बार बार
ये बारिश की बुँदे कुछ कहती है
कहती है कुछ ये बारिश की बुँदे
कभी ध्यान से सुनो, कुछ कहती है ये बारिश की बुँदे
कभी ध्यान से सुनो, गुन गुन्नाती है ये बारिश की बुँदे
ये बारिश की बुँदे कुछ कहती है
कहती है कुछ ये बारिश की बुँदे
बेठ गई नन्हे पत्तो पर, आसमान से आकर
ये बारिश की बुँदे
हवा चली तो झूम रही है, जाने क्या क्या गाकर
ये बारिश की बुँदे
मोह रही है मन बच्चो का, इंद्रधनुष दिखलाकर
ये बारिश की बुँदे
मेरा मस्तक अपनी चरण – धूलि तल में झुका दे | प्रभु | मेरे समस्त अंहकार को आँखों के पानी में डूबा दे | अपने झूठे महत्व की रक्षा करते हुए में केवल अपनी लघुता दिखता हु | अपने ही को घेर में घूमता-घूमता प्रतिपल मरता हु | प्रभु | मेरे समस्त अंहकार को आँखों … Read more
ज़िन्दगी गम का नाम है या ख़ुशी का, मालूम नहीं
ज़िन्दगी गम का नाम है या ख़ुशी का, मालूम नहीं
पर पता नहीं क्यों बहुत अजब सी लगती है ज़िन्दगी
ज़िन्दगी गम का नाम है या ख़ुशी का, मालूम नहीं
इंसान की ज़िन्दगी भी एक मेला है
जिस मेले में कभी गम है तो कभी है ख़ुशी
ज़िन्दगी का मेला जब शुरु होता है तब खुश होता है इंसान
पर जो जो आगे बड़ता है मेला, तब दुखी होता है इंसान
क्योकि उस दोरान बहुत कुछ खोता है इंसान
अपनी मासूमियत, और अपना वो बचपन
जिसमें उसे डर नहीं फिकर नहीं, चिंता नहीं
है तो सिर्फ प्रेम, ख़ुशी, शरारते
इंसान की ज़िन्दगी भी एक मेला है
जिस मेले में कभी गम है तो कभी है ख़ुशी
कुछ अन कहे से पल
पल कुछ अन कहे से
यू तो ज़िन्दगी बीत जाती है बाते करते करते
पर फिर भी रहे जाते कुछ पल अन कहे से
करने को तो बहुत सी बाते है उनसे
पर वो पल कहा है उनके पास
रह जाते है कुछ पल अन कहे से ||
में तो था अकेला, था में अकेला
गुमसुम सा, सिमटा सा, अंधेरे से प्यार करने वाला
में तो था अकेला, था में अकेला
उसने दी थी एक रोशिनी, रोशिनी ही थी मेरे मन के अंधेरे में
में तो समझा जैसे मिल गई रोशिनी ज़िन्दगी की
में तो समझा जैसे मिल गई रोशिनी ज़िन्दगी की
पर हकीकत कुछ और ही थी ज़िन्दगी की |
कहते है ना कुछ पाने के लिया कुछ खोना पड़ता है
कहते है ना कुछ पाने के लिया कुछ खोना पड़ता है
मेंने भी रोशिनी के लिए, अँधेरे को खोया |
में तो था अकेला, था में अकेला
गुमसुम सा, सिमटा सा, अंधेरे से प्यार करने वाला ||
कदम जो तेरे रुक गए, चलने की अब बारी हमारी है |
कदम जो तेरे रुक गए, चलने की अब बारी हमारी है |
ज़मीन के टुकड़ो का क्या करेगे, अगर धरती नहीं पूरी हमारी है.
समझ ना सके जो तुम हमको, गलती नहीं इसमें तुम्हारी है,
जीवन के देखो पन्नो की, श्याही जो मिटती जा रही है,
जिंदगी के देखो पन्नो की, लिखाई धुंधली पड़ती जा रही है,
नमक की गुडिया देखो तो, खारे पानी में घुलती जा रही है,
बारिश की बुदे देखो तो, सुमुंदर में गिरती जा रही है,
फूलो की खुशबू देखो तो, हवा में मिलती जा रही है
कदम जो तेरे रुक गए, चलने की अब बारी हमारी है ||
न सोने का नियम,
न उठने का नियम,
हे पिक्चर का नियम,
नियम की अवहेलना ! नियम की अवहेलना
न खाने का नियम
न पीने का नियम
हे ट्विस्ट का नियम
नियम की अवहेलना ! नियम की अवहेलना
न जाने का नियम,
न आने का नियम,
हे छेडखानी का नियम,
नियम की अवहेलना ! नियम की अवहेलना