आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगो के पास अपना ध्यान रखने तक के लिए समय नहीं है,ऐसे में गलत खान पान और Irregular life style की वजह से शरीर में कई तरह की बीमारिया जन्म लेने लगती हैं, जिनमे से diabetes,blood pressure, cholestrol, और Uric Acid बहुत common हैं । तो चलिए आज हम बात करेंगे यूरिक एसिड के बारे में।
यूरिक एसिड एक ऐसी समस्या है जिससे अमूमन आज हर परिवार में कोई न कोई जूझ रहा है। ये समस्या आमतौर पर व्यक्ति के जोड़ों के दर्द के रूप में देखी जाती है। खासतौर पर बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या काफी आम है। लेकिन ये यूरिक एसिड है क्या? और ये क्यों होता है और इसका इलाज क्या है? आज इन तमाम सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे ।
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Uric acid क्या है? What is uric acid?
आइये जानते है यूरिक एसिड होता क्या है? यूरिक एसिड हमारे खून में मौजूद एक अवशेष पदार्थ है जो हमारे खाना खाने के बाद बनता है। हमारे भोजन के अंदर कुछ ऐसे तत्त्व होते हैं जिनमे प्यूरीन पाया जाता है। खाने को पचाने की प्रक्रिया के दौरान जब खाने में मौजूद यह प्यूरीन बनता है तो उससे ये यूरिक एसिड निकलता है।
मशरूम, पालक, मटर मुर्गी, मछली, मटन, फूलगोबी, राजमा और बियर। इन सब में यह यूरिक एसिड पाया जाता है। हमारे शरीर में किडनी, यूरिक एसिड को फिल्टर करती है। और फिर पेशाब के जरिये उसे शरीर से बाहर निकाल देती है। जब कोई व्यक्ति अपने भोजन में अधिक मात्रा में प्यूरीन लेता है तो, शरीर उसी अनुपात में बना हुआ यूरिक एसिड को बाहर नहीं निकाल पाता है। और इससे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। इस कंडीशन को Hyperuricemia कहा जाता है और ये शरीर से निकालने की बजाय हमारे joints और tissues में जमा होना शुरू हो जाता है। और जब ये काफी लंबे समय तक हमारे शरीर के जॉइंट्स में जगह बना लेता है तो हमारे जॉइंट्स में दर्द होना शुरू हो जाता है। जिसे आमतौर पर गाउट के नाम से जाना जाता है।
ये बीमारी आमतौर पर 40 साल की उम्र के बाद देखी जा सकती है। यही नहीं, यूरिक एसिड किडनी तक को नुकसान पंहुचा सकता है क्यूंकि यूरिक एसिड किडनी में जम कर पथरी बनाता है। व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड इकट्ठा होने की वजह कुछ हेल्थ डिसऑर्डर भी हो सकते है। डाइबीटीज़, किडनी की बिमारी, हाइपोथाइराडिज़्म, कुछ प्रकार के कैंसर, कीमोथेरपी और कुछ सोरिओसिस जैसी त्वचा की बीमारी की वजह से भी शरीर में यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है। इसी के साथ एक व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड इकट्ठा होने के और भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे मोटापा, प्यूरीन वाली चीजों का अधिक सेवन, घर परिवार में यूरिक एसिड का इतिहास, तनाव जैसे कई कारण शरीर में यूरिक एसिड होने के मुख्य कारण है।
शरीर में यूरिक एसिड कम होने और बढ़ने के लक्षण हर एक व्यक्ति में अलग अलग हो सकते है। लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ता है, तब हमारा शरीर कुछ ऐसे सिग्नल देने लगता है जिनसे उनकी पहचान की जा सकती है। इन लक्षणों में जोड़ों में गंभीर दर्द, उंगलियों में सूजन आना और चुभन वाला दर्द होना, जोड़ों में गांठ की शिकायत होना, उठने, बैठने में परेशानी होना, किडनी स्टोन की समस्या, बार बार पेशाब आना, पेट में दर्द होना जैसे लक्षण शामिल है। इसलिए शरीर में यूरिक एसिड का स्तर सामान्य रखना बेहद जरुरी है।
उपचार Treatment:
शरीर में यूरिक एसिड के सामान्य लेवल की रेंज पुरुषों और महिलाओं में भिन्न भिन्न होती है। यूरिक एसिड बढ़ने का पता एक ब्लड टेस्ट से किया जा सकता है। यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर इसको नियंत्रित करने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपको कुछ नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी एजेंट जैसे आइबूप्रोफेन दे सकते है। इस से आपको तुरंत राहत मिल सकती है।
लेकिन जब यूरिक एसिड के लेवल को मैनेज और कंट्रोल करने की बात आती है तब अक्सर डॉक्टर आपको डाइट में बदलाव करने की सलाह देते है। इसलिए जानना बेहद जरूरी है कि यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या खाएं? क्या न खाएं? अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करने से और अपने खानपान में कुछ खास बातों का ध्यान रखने से यूरिक एसिड को नियंत्रित किया जा सकता है।
जैसे की जिन चीज़ो में प्यूरीन की मात्रा अधिक पायी जाती है उनका सेवन से परहेज करे। साथ ही रिफाइंड तथा प्रोसेस्ड फुड से परहेज करें। खूब पानी पिएं क्योंकि पानी के जरिये बहुत सारे इम्प्युर पदार्थ बाहर निकलते हैं। डेयरी प्रॉडक्ट की जगह अपने डाइट में सोयाबीन, मिल्क, टोफू आदि शामिल करे। एक गिलास पानी के साथ तीन चम्मच ऐप्पल साइडर विनेगर लेना यूरिक एसिड में फायदेमंद साबित होता है। स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी आदि यूरिक एसिड को कम करने के लिए जाने जाते हैं और ये यूरिक एसिड को जोड़ो में जमा होने से रोकते है। इसलिए अपनी डाइट में इनका सेवन करे। अपनी डाइट में फाइबर युक्त चीज़ो का जरूर सेवन करे। ड्राई फ्रूट्स, फ्रोजेन सब्जियां, ओट्स, नट्स, तथा soluble फाइबर की पांच से दस ग्राम का सेवन करके फाइबर की मात्रा को बढ़ाया जा सकता। इसके अलावा रेशेदार सब्जियों में भी भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें तथा अपने शरीर को एक्टिव रखें। मोटापे तथा तनाव की समस्या से बचें तथा अपना ध्यान रखे।
आपका शरीर जब किसी समस्या से या रोग से ग्रस्त होता है तो वह कोई न कोई सिग्नल जरूर देता है। उन सिग्नलों को, उन लक्षणों को जल्द से जल्द पहचान कर समय रहते अपने डॉक्टर को जरूर दिखाए तथा उनसे परामर्श लेवे तथा अपनी जांच करवाए। ताकि कोई भी बिमारी शुरुआत में ही पहचान में आ सके ताकि जल्द से जल्द इलाज करके सवस्थ और लंबी जिंदगी जी सके।
Conclusion:
आशा करते हैं कि इस आर्टिकल से आपको uric acid से संबंधित सारी जानकारियां मिल गई होंगी । अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे दूसरो के साथ भी शेयर करे ताकि उन्हें भी इसका लाभ मिल सके। धन्यवाद।