कुछ अन कहे से पल
पल कुछ अन कहे से
यू तो ज़िन्दगी बीत जाती है बाते करते करते
पर फिर भी रहे जाते कुछ पल अन कहे से
करने को तो बहुत सी बाते है उनसे
पर वो पल कहा है उनके पास
रह जाते है कुछ पल अन कहे से ||
में इंतजार करता रहा उस पल का
लेकिन वो पल आया ही नहीं उस पल
बाते तो उनके पास भी थी करने को
बस ना था वो पल बाते करने का
मुझसे कहा उसने की में आउगा ज़रूर एक पल के लिया
कम्भख्त वो पल आया तो सही, पर हम ही नहीं रहे उस पल के लिए
रह जाते है कुछ पल अन कहे से ||
कुछ अन कहे से पल
पल कुछ अन कहे से
लेखक: युग्म
I like this type of poem. It ‘s really heart touching line.