बात ना मानने की सजा

Fishes Story

बहुत पुरानी बात है एक गाँव के किनारे एक नदी बहती थी | उस नदी में तीन मछलिया रहती थी उन तीनो में भीत अच्छी दोस्ती थी वो जो भी काम करती एक साथ करती थी चाहे वो खाना, हो, खेलना हो | वो एक दुसरे पर जान देती थी | उन तीनो के नाम … Read more

बसंत ऋतू का वरदान

Spring Season Story

एक गाँव में एक किसान रहता था उसको पेड़ पोधे से बहुत प्यार था वह बहुत गरीब था परन्तु बहुत खुश रहता था उसे अपने पास की हर वस्तु से ख़ुशी मिलती थी वह सभी को अपना दोस्त बना लेता था चाहे वो पेड़ पोधे हो या पक्षी, इन्सान, जानवर, सभी को अपना दोस्त बना … Read more

आंसू की बूंद

Water Drop from Eye

अनाज के एक गोदाम ने एक अकेली चींटी इधर-उधर घूम रही थी | बहुत बहुत जोर से प्यास लग रही थी और प्यास के मारे उसका बुरा हाल हो चूका था| उसे लगने लगा की अगर उसे पानी नहीं मिला तो वह मर जाएगी | और तभी उसके उपर एक पानी की बूंद टपकी और … Read more

अत्यधिक ज्ञान

एक शहर में एक लड़का रहता था जिसका नाम रवि था | उसे नई – नई बाते सीखना बहुत अच्छा लगता था उसे जो कोई दीखता उससे प्रश्न पूछता और ज्ञान लेने की कोशिश करता | और कोई संत मिल जाते तो उनके साथ तो घंटो बाते करता रहता | उस इलाके में ऐसा कोई नहीं था जिसके पास जा कर रवि ने कुछ सीखा न हो | ऐसा लगता था जैसे उसका खाना हजम नहीं होता था जब तक वह कुछ नया सीख न ले | अब उस इलाके में ऐसा कोई नहीं बचा था जिसके पास जा कर वो सीख सके | अब वह बहुत परेशान रहने लगा | एक दिन उसने निश्चय किया की वो दुसरे शहर जाएगा और सीखेगा |

उसके शहर के पास दिल्ली शहर था उसने वहा जाने का फेसला किया | उसने सुनना था की वहा के शिशको के पास बहुत ज्ञान है | रवि अपने घर से निकल पड़ा और अगले दिन दिल्ली पहुच गया | वहा जा कर उसने एक विधालय में अपना नाम लिखवाया | और फिर अपनी कक्षा में चला गया | वहा जा कर उसने शिक्षक को प्रणाम किया और शिक्षक ने उसे अपने पास बताया और उसने पूछने लगे की तुमने ने क्या क्या सीखा है?

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बन्दर की सीख

बहुत पुरानी बात है एक बन्दर के किनारे पेड़ पर बेठा हुआ था | उसे बहुत जोर से भूक लगी हुई थी | तभी वहा एक आदमी केलो का एक गुच्छा लेकर पेड़ के नीचे आ कर बेठा गया | बंदर केलो के गुच्छे को देख कर उसके मुह में पानी आ गया | उसका मन किया की वो सारे के सारे केले खा जाए | जब उस आदमी को नीद आ जोंखा आया तो उसका मोका उठाकर बन्दर ने ५-६ केले अपने लिए उठा लिए और पेड़ पर जा कर खा लिए |

जब आदमी की नीद खुली तो उसने एक केला थोडा कर खाने लगा | तभी उसकी नजर बन्दर पर गई | उसके हाथो में केला देखा कर वो समझ गया की उसने गुच्छे में से २-३ केले ले लिए है | उसे यह देख कर बहुत गुस्सा आया |

तभी उसको एक तरकीब सूझी | उसको ध्यान आया की बन्दर को नकल उतराने की बहुत आदत है | उस आदमी ने अब एक केला थोडा और छीलने लगा | यह देखकर बन्दर भी वैसा की करने लगा | अब आदमी ने केला खा लिया और यह देखकर बन्दर ने भी खा लिया | उस आदमी ने एक केला और थोडा और दूर फ़ेंक दिया, यह देखकर बन्दर ने भी एक केला फ़ेंक दिया | उस आदमी ने एक और तोडा और दूर फ़ेंक दिया, यह देखकर बन्दर ने भी फ़ेंक दिया | जब बन्दर ने सारे केले नीचे फ़ेंक दिए तो आदमी ने सारे केले उठा लिए और अपनी पोटरी में रख लिए |

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मछली की चुतराई

एक जंगल में एक तलाब था उस तलाब में बहुत सारी मछलिया रहती थी | उनमे से एक मछली बहुत चंचल थी | वह कभी इधर और कभी उधर भागती रहती थी इसलिए उसके माता – पिता ने उसका नाम चंचल रख दिया था |

चंचल को नई – नई चीजो को देखने का बहुत शोक था और इसी कारण वह बहुत दूर दूर तक अकेली चली जाती थी | एक दिन की बात है वह तलाब के किनारे टहल रही थी | आकाश में एक चील उड़ रही थी | उसने चंचल को अकेले टहलते हुए देखा और उसे देखकर उसके मुंह में पानी आ गया | वह तेजी से आई और चंचल को अपने पंजो में दबोचा को उसको आकाश में ले गई | चचंल यह सब देख कर डर गई, परन्तु उसने अपने होश नहीं खोए | उसने चील से पूछा, “तुम ने मुझे क्यों पकड़ा है ?”

चील बोली, “मुझे बहुत भूख लग रही है इसलिए में तुझे पकड़ा है और अब में तुझे खा जाउंगी |”

चंचल उसी समय अपने बचने का उपाय सोचने लगी | वह चील से बोली, “मोसी, यह बात तुम मुझे प्यार से बता देती तो में अच्छे से तयार होकर आती | देखो अभी तो में बहुत गन्दी बनी हुई हु | मेरे सारे बदन पर तलाब की मिटटी लगी हुई है | तुम्हे खाने में मजा भी नहीं आएगा | हम एक काम कर सकते है की तुम मुझे पानी में छोड़ दो में स्नान करके फिर तुम्हारे पास आ जाउंगी और फिर तुम मुझे खा लेना |

चील सोच कर बोली, “ठीक है तुम स्नान करके मेरे पास आ जाना और यह कह कर उसने चंचल को वापिस तलाब में छोड़ दिया |

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कैसी बचाई सुरेश ने अपनी बहन की जान

मुंबई शहर में जो भी आता है वो बड़े बड़े सपने ले कर आता है | उनमे से एक नाम सुरेश का भी है जो मंबई में रहता था | वो भी बड़े बड़े सपने लेता था परन्तु उन्हें पूरा करने का साहस भी था उसमे | वह पढने में बहुत होशियार था और साथ ही साथ वह बहुत बहादुर भी था |

जुलाई का महिना था पर मुंबई में बहुत ज्यादा बारिश हो रही थी सुरेश अपनी बहन को स्कुल से घर लोट रहा था | पानी इतना भरा हुआ था की सडक पर क्या पड़ा हुआ है और क्या नहीं कुछ पता नहीं चल रहा था | इतने मी अचानक उसकी बहन गिर गई और डूबने लगी | सुरेश ने अपनी बहन को कस कर पकड़ लिया और उसे उपर की और खींचने लगा |

परन्तु बारिश बहुत हो रही थी और दोनों भाई बहनों के कंधे पर पड़े बसते बहुत ज्यादा भारी हो गए थे जिसकी वजह से सुरेश को उपर लाना बहुत मुश्किल हो रहा था | वह नीचे भी गिर पड़ा पर चोट भी लग गई थी | सुरेश पानी में कुछ मजबूत वस्तु ढूड रहा था की अचानक उसे गटर का ढकन मिल गया और उसे बहुत जोर से उसे पकड़ लिया और अपनी बहन को उपर लाने में कामयाब हो गया | परन्तु दोनों को बहुत ज्यादा छोटे लग गई थी | यह देख कर स्थनीय लोगो ने उन्हें अस्पताल ले गए |

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कलेजा बंदर का

नदी किनारे एक बहुत बड़ा पेड़ था और उस पेड़ पर बहुत सारे पक्षी भी रहते थे और उनमे से एक बंदर भी उसी पेड़ पर रहता था | वह बहुत समझदार था और सभी के साथ मिल जुल कर रहते था |

उसी नदी में मगर भी रहता था मगर भी कभी कभी उस पेड़ के नीचे आ जाता था बंदर उसे उस पेड़ के जामुन देता और वो बड़े मजे से खाता | उन दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी | एक दिन बंदर ने उसे बहुत सारे जामुन दिए और कहा, आज तुम ये सारे जामुन धर ले जाओ और अपनी बीवी को भी खिलाना |

मगर ने वैसा ही किया और सारे जामुन अपने घर ले गया | उसकी बीवी को मीठे – मीठे जामुन बहुत अच्छे लगे | मगरनी ने पूछा आज जामुन कहा से लाये हो तो मगर ने कहा यह जामुन मेरे दोस्त बंदर ने दिए है | वह रोज मुझे इसी तरह मीठे मीठे जामुन खिलाता है और मीठी मीठी बाते भी करता है |

यह सुनकर मगरनी मगरनी ने मगर से कहा तो क्यों न कभी अपने दोस्त को घर पर ले कर आओ, वो मीठी मीठी बाते करता है, वो मीठे मीठे फल खाता है तो वो खुद कितना मीठा होगा, तुम एक काम करो, तुम उसको घर ले कर आओ में उसका कलेजा खाना चाहती हु |

अगले ही दिन मगर फिर से उसी पेड़ के नीचे गया और बंदर से कहा, मेरी बीवी को तुम्हारे दिए हुए जमणु बहुत अच्छे लगे और वह तुम से भी मिलना चाहती है | यह सुनकर बंदर झट से तेयार हो गया फर फिर बंदर कुछ सोचने लगा | यह देख कर मगर ने कहा, क्या सोच रहे हो भाई | बंदर ने कहा, “में सोच रहा हु की मुझे तेरना नहीं आता, में जाऊगा कैसे”

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क्या रावन अभी भी जीवित है ?

बहुत पुरानी बात है एक बार दशहरे के अवसर पर राजा हरिदेव राय ने अपने सभी दरबारियों को अलग – अलग झकिया तेयार करने के लिए कहा | और एक इनाम की रकम गोषित कर दी की जिसकी भी झाकिय सबसे अच्छी होगी उसको इनाम की रकम दी जाएगी | या सुनकर दरबारियों में उत्क्स्ता बड गई और तेनाली दास और सभी साथी भी झकिया तेयार करने में जुट गई |

दशहरे का दिन आ गया | राजा ने सभी दरबारियो की झकियो का निरक्षण किया | सभी की झकिया राज्य का इतिहास और संस्कृति को दर्शा रही थी तथा कुछ झकिया राज्य के लोगो और प्रक्रतिक सोंदर्य को दर्शा रही थी | राजा को सभी की झकिया अच्छी लग रही थी सभी दरबारियों ने बहुत मेहनत की थी अपनी अपनी झकियो को अच्छा दिखने के लिए | सभी दरबारियों ने झकिया बनाई थी परन्तु राजा को तेनाली दास की झकी नहीं दिख रही थी राजा के पूछने पर किसी इ बताया की तेनाली दास दूर एक पहाड़ी पर बेठा हुआ है |

राजा उसी समय पहाड़ी की तरफ निकल पड़ा | वहा पहुच कर राजा ने तेनाली दास को एक डरावनी और कोफ्नाक मूर्ति के पास बेठा था | राजा ने उस से पूछा, “क्या यही झकी तेयार की है तुमने “

तेनाली दास ने मूर्ति से कहा, “महाराज को जवाब दो मृति, महाराज कुछ पूछ रहे है | तभी मूर्ति में से अवाज आई | हे महाराज में उसी रावन की आत्मा हु जिसको हर साल आप लोगो जलाते है | आप लोग जलाते तो है परन्तु में कभी नहीं मरता | में तो सभी के अंदर रहता हु हर वक्त | दिन प्रति दिन मेरी ताकत में वृधि हो रही है | और में अपने साथ गरीबी, भूख, दुःख, क्रोध, शोषण आदि भी लाया हु |

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चिड़िया और हाथी

नीम के पेड़ पर चिड़िया का घोंसला था | घोसले में चिड़िया के नन्हे-नन्हे बच्चे थे | चिड़िया बच्चो की देखभाल करती थी | और चिडडा दाना चुगकर लाता था |

बच्चे जब कुछ बड़े हो गए तो चिड़िया भी दाना चुगने जाने लगी | एक दिन एक हाथी पेड़ के पास से गुजर रहा था | चिड़िया के बच्चो ने देखा तो हंस पड़े | बोले, “देखो, मोटा जा रहा है |”

यह बात सुनकर हाथी को गुस्सा आ गया | उसने सूड उठाई और घोंसले को जमीन पर पटक दिया | चिड़िया वापिस आई तो देखा की बच्चे मरे पड़े है | यह देख कर वह बहुत रोई |

चिड़िया का एक दोस्त था | उसने चिड़िया को दिलासा दिया और कहा, “हम हाथी को उसकी करनी का मजा जरुर चखाएगे | वरना हम पक्षियों के घोंसले तो उजड़ जाएगे |

चिड़िया के दोस्त ने चिड़िया और चिडडे को अपने दोस्तों के पास ले गया | उसका एक दोस्त मेंढक पास ही तालाब में रहता था | दूसरा दोस्त झाड़ी में रहता था |

उसने अपने दोस्तों को चिडडे और चिड़िया की दुखभरी कहानी सुनाई अपने दोस्तों को | मेंढक और बार्र चिड़िया की मदद करने के लिए तेयार हो गए | सबने मिलकर एक तरकीब सोची और हाथी की खोज में चल दिए |

पेड़ो के झुरमुट में हाथी आराम से लेटा था बार्रहाथी के कान के पास जाकर मीठी आवाज में गुनगुनाने लगा |मीठा गाना सुनकर हाथी को नींद आ गई | तभी चिड़िया के दोस्त ने अपनी पेनी चोंच से हाथी की दोनों आँखे खोद डाली |

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