मुंबई शहर में जो भी आता है वो बड़े बड़े सपने ले कर आता है | उनमे से एक नाम सुरेश का भी है जो मंबई में रहता था | वो भी बड़े बड़े सपने लेता था परन्तु उन्हें पूरा करने का साहस भी था उसमे | वह पढने में बहुत होशियार था और साथ ही साथ वह बहुत बहादुर भी था |
जुलाई का महिना था पर मुंबई में बहुत ज्यादा बारिश हो रही थी सुरेश अपनी बहन को स्कुल से घर लोट रहा था | पानी इतना भरा हुआ था की सडक पर क्या पड़ा हुआ है और क्या नहीं कुछ पता नहीं चल रहा था | इतने मी अचानक उसकी बहन गिर गई और डूबने लगी | सुरेश ने अपनी बहन को कस कर पकड़ लिया और उसे उपर की और खींचने लगा |
परन्तु बारिश बहुत हो रही थी और दोनों भाई बहनों के कंधे पर पड़े बसते बहुत ज्यादा भारी हो गए थे जिसकी वजह से सुरेश को उपर लाना बहुत मुश्किल हो रहा था | वह नीचे भी गिर पड़ा पर चोट भी लग गई थी | सुरेश पानी में कुछ मजबूत वस्तु ढूड रहा था की अचानक उसे गटर का ढकन मिल गया और उसे बहुत जोर से उसे पकड़ लिया और अपनी बहन को उपर लाने में कामयाब हो गया | परन्तु दोनों को बहुत ज्यादा छोटे लग गई थी | यह देख कर स्थनीय लोगो ने उन्हें अस्पताल ले गए |
सुरेश की इस बहादुरी की सभी ने सराहना तो मिली ही और साथ ही साथ स्कुल में भी परुस्कार मिला | जब नाम उपर तक गया तो सुरेश का चयन राष्ट्रिय वीरता पुरस्कार के लिए भी कर लिया गया |