जंगल में एक शेर और शेरनी का जोड़ा रहता था | उनके दो बच्चे थे और दोनों बहुत ही छोटे थे शेरनी बच्चो का ध्यान रखती और शेर शिकार लाता | एक दिन की बात है शेर ने शेरनी से कहा, “तुम गुफा में ही रुको में शिकार पर जा रहा हु |
शेर जंगल में खूब घुमा परन्तु उसे कोई शिकार नहीं मिला | वह थक हार कर अपनी गुफा में लोट रहा था की अचानक उसे रास्ते में एक कुत्ते के बच्चा देखा | शेर उसे उठा कर अपनी गुफा में ले गया और शेरनी से कहा, “आज कुछ नहीं मिला परन्तु एक कुत्ते के बच्चा ही मिला है | मेरा इसे मारने का मन नहीं किया इसलिए में इससे जिन्दा ही ले आया | तुम लोग इसे खा लो | “
यह देख कर शेरनी बोली, “अगर इसे मारने का तुम्हारा मन नहीं हुआ तो मेरा कैसा होगा, में तो एक माँ हु | में इसे भी पलुगी | आज से यह मेरा तीसरा बेटा है |”
शेरनी तीनो बच्चो को पलने पोसने लग गई | एक दिन की बात है तीनो बच्चे अपनी गुफा से बाहर निकले तो उन्हें एक हाथी का बच्चा दिखा | तीनो बच्चे उसका पीछा करने लगे | कुछ देर चलने के बाद, कुते के बच्चे ने कहा, तुम इसके पास मत जाओ यह तुम्हे कुचल देगा और वहा से वापिस अपनी गुफा में चला गया |