समझदार मुर्गी

एक गाँव के पास एक घना जंगल था वहा कई तरह के जानवर रहा करते थे | कई बार जानवर गाँव में भी आ जाते थे शिकार के लिए | एक दिन की बात है एक लोमड़ी भोजन की तलाश में गाँव पहुचा | उसने वहा एक मुर्गी देखी | उसके मुह में पानी आ गया | मुर्गी वहा दाना चुग रही थी | लोमड़ी यह देख कर उसकी तरह दोडी लेकिन लोमड़ी को अपनी तरह आता देख मुर्गी उड़कर पेड़ पर चढ़ गई |

 

यह देख लोमड़ी भी पेड़ के नीचे इंतजार करने लगी और बोली, “बहना तुम मुझे देखकर पेड़ पर क्यों चढ़ गई |”

 

मुर्गी बोली, “में डर गई थी तुम्हे देखकर, मुझे लगा तुम मुझे खाने आये हो |”

 

लोमड़ी यह सुनकर बोली, “अरे नहीं नहीं बहना, में तो तुम्हे जंगल की एक खबर सुनाने आई थी बस |”

 

मुर्गी बोली, “तो बोलो, क्या खबर है ?”

 

खबर बहुत अच्छी है, हम सभी जानवरों ने यह फेसला किया है की आज से कोई भी इस गाँव के किसी भी जानवर को नहीं मारेगा | इसलिए अब तुम बिलकुल चिंता मत करो और निचे आ जाओ | में तो तुमसे दोस्ती करना चाहती हु |

 

पेड़ से मुर्गी ने देखा की दूर से कुछ कुत्ते धोड़े चले आ रहे है इसी तरह, यह देख मुर्गी बोली, लोमड़ी दीदी, उधर से कुछ कुत्ते इसी तरह आ रहे है | शायद आप से दोस्ती करने | तो दोस्ती करोगे या पहिर अपनी जान बचाओ गी |

 

यह सुनते ही लोमड़ी वहा से भागने लगी और बोली शायद इन कुत्तो ने जंगल का नया फेसला नहीं सुना और यह कहकर वहा से चली गई | और इस तरह मुर्गी ने अपनी जान बचाई |

 

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