मेरा प्यारा सपना

देखा मेने ये सपना कैसा?

यह तुमको बतलाती हु

सपनो की गजब दिनिया में

तुमको सेर कराती हु ||

 

कल रात देखा मधुर सपना मेने,

परियो के से परिधान पहने थे मेने,

था बच्चो का झुंड मेरे चारो और

नहीं थामे थमता था बच्चो का शोर||

कोई खींचे आँचल कोई खींचे हाथ

मानो कुछ मिलने की हो उनको आस

तभी मेने देखि एक शमी सी लडकी

मासूम प्यारी से थी उसकी मुस्कान||

 

पूछा जब उससे मेने उसका नाम

न बोल पाई, खामोश थी उसकी जुबान

आँखों से झर झर आंसू निकले हजार

मेने उसे सीने से लगा का किया प्यार||

 

दिए सुंदर वस्त्र, चाकलेट उसे जब मेने

तब भी नहीं बोल पाई वो नन्ही सी जन

क्योकि खामोश थी उसकी जुबान

पर आँखे दे रही थी धन्यवाद

तब मेने जाना जुबान ही नहीं

आँखे भी बोलती है प्यार की भाषा||