प्रक्रति है मेरी प्रेरणा
हम सबको देती यह धारणा ||
धारण करो शिष्टाचार,
बंद करो यह अत्याचार ||
हम सबको एक बात सिखाती
शीशा झुकाए दे दो फल
मत करो लालच उस पर ||
समय पर काम करना सीखो,
वरना तुम रहोगे मुरझाए फूलो जैसे ||
प्रक्रति है मेरी प्रेरणा
हम सबको देती यह धारणा ||
धारण करो शिष्टाचार,
बंद करो यह अत्याचार ||
हम सबको एक बात सिखाती
शीशा झुकाए दे दो फल
मत करो लालच उस पर ||
समय पर काम करना सीखो,
वरना तुम रहोगे मुरझाए फूलो जैसे ||
अभी समय है, अभी नहीं कुछ भी बिगड़ा है
देखो अभीसुयोग तुम्हारे पास खड़ा है
करना है जो काम उसी ने अपना चित्त लगा दो
अपने पर विश्वास करो, और संदेह भगा दो |
पूर्ण तुम्हारा मनोमिष्ट क्या कभी न होगा?
होगा तो बस अभी, नहीं तो कभी न होगा,
देख रहे हो श्रेष्ट समय के क्किस सपने को
छलते हो यो हाय ! स्वयं ही क्यों अपने को|
तुच्छ कभी तुम न समझो एक पल को भी
पल – पल से ही बना हुआ जीवन को मानो तुम
इसके सद्व्यय रूप नीर सिंचन के द्ववारा
हो सकता है सफल जन्मतरु यहाँ तुम्हारा|