मेरी प्ररेणा

प्रक्रति है मेरी प्रेरणा

हम सबको देती यह धारणा ||

धारण करो शिष्टाचार,

बंद करो यह अत्याचार ||

 

हम सबको एक बात सिखाती

शीशा झुकाए दे दो फल

मत करो लालच उस पर ||

 

समय पर काम करना सीखो,

वरना तुम रहोगे मुरझाए फूलो जैसे ||

मत बनाओ इस युग को कलयुग,

रावण जैसे आएगे,

विभीषण जैसे संस्कार वाले भी,

शायद मिल जाएगे ||

 

बना लो प्रक्रति को अपनी प्ररेणा,

हम सबको यही देगी सही मार्गदर्शन ||

 

Leave a Comment