एक गाँव में लड़का रहता था जिसका नाम शेतानमल था जैसा उसका नाम वैसा उसका काम | वो हर वक्त हर किसी को तंग ही करता रहता था | उसके माँ-पिता हमेशा उसको समझाते लेकिन वो कभी भी उनकी बात नहीं सुनता था |
असल में उसका नाम सुंदर था लेकिन गाँव वालो ने उसकी आदतों की वजह से उसका नाम बदल कर शेतानमल रख दिया था |
एक बार की बात है उसके घर के सभी सदस्य बाहर गए हुए थे वो बिलकुल अकेला था | उसी गली में एक मर्गा-मुर्गी और उनके कई दोस्त रहते थे शेतानमल हमेशा उनको बहुत तंग करता था |
एक दिन की बात है की मुर्गा और मुर्गी ने सोचा की क्यों न शेतानमल को सबक सिखाया जाए | उन्होंने अपने सभी दोस्तों से बात की और सब जानवर मिलकर शेतानमल ने घर की तरह चल पड़े |
एक – एक कर के सभी जानवर उसके घर में घुस गए | लेकिन शेतानमल घर पर नहीं था | मुर्गे ने कहा, “हम लोग शेतानमल का इंतजार करेगे और फिर सभी जानवर कही न कही जा कर छिप गए जैसे बिल्ली रसोई में, चूहा उसके नल में, कुता गुलदस्ते के पीछे और मुर्गा – मुर्गी दरवाजे के पीछे छिप गुए |
जैसे ही शेतानमल घर में गुसा, तभी कुतो ने भोकना शुरू कर दिया | वो डर के मरे रसोई में गुसा तो तभी बिल्लियों ने उस पर झपटा मार दिया और वो घबराकर आटे के डिब्बे में जा गिरा |
मुह धोने के लिए वो नल की तरफ भगा | खोलते ही चूहे ने उसके हाथ को काट लिया | दर्द से चीखता हुआ उसने तोलिया उठाया मुह साफ करने के लिए तो उसका मुह सारा कबूतर की बिट से भर गया |
शेतानमल की हालत बहुत ख़राब हो गई थी | वो घबराकर दरवाजे की और भागा तो मुर्गे-मुर्गी ने उसको चोंच मारना शुरू कर दिया और वो सिर के बल नीचे गिर गया और बेहोश हो गया |
जब उसे होश आया तो उसके घर पर कोई नहीं था और सारा घर भिखरा हुआ था | उसे आज समझ आया की किसी को परेशान करने पर कैसा लगता है |
उस दिन से शेतानमल ने किसी और भी तंग नहीं किया और धीरे-धीरे गाँव वालो ने भी उसे शेतानमल कहना बंद कर दिया |