समय की कीमत

एक शहर में एक परिवार रहता था | पति-पत्नी और उनकी एक प्यारी सी बेटी | पति हर रोज़ की तरह अपने दफ्तर जाता और रात में घर आता | एक दिन वो देर रात से घर आया और  दरवाज़ा खटखाया और तभी उसकी ६ वर्षीय बेटी ने दरवाज़ा खोला और या देख कर उसको आश्रय हुआ की उसकी बेटी अभी तक सोई नहीं |

जैसे बचो की आदत होती है घर आते ही अपने माँ पाप से लिपट जाते है और बाते करना शुरु कर देते है उसी तरह उसकी बेटी ने भी वही किया | अन्दर  घुसते  ही  बेटी ने  पूछा —“ पापा पापा क्या  मैं  आपसे  एक प्रशन पूछ  सकती हू |

पिता ने कहा: हा बिलकुल बेटी | तो बेटी ने पूछा की आप एक दिन में कितना कमा लेते हो |

पिता का उसका ये सवाल अच्छा नहीं लगा पर फिर भी पिता ने उसको बता दिया और फिर बेटी ने दुबारा पूछा की पापा पापा आप एक धंटे में कितना कमा लेता हो | बस यह सुन कर पिता आग बबूला हो गया और अपनी बेटी तो डानट दिया और यह कह कर वो अपने कमरे में चला गया |

थोरी देर बाद जब पिता का दुस्सा थोडा शांत हो गया तो उसको लगा की मैंने बिना बात के उसको गुस्सा कर दिया, वो अपनी बेटी के पास गया | उसको अपनी गोदी में बैठाया और कहा: “बेटा में एक घंटे में २०० रुपये कमा लेता हू |”

तभी बेटी ने बड़ी मासूमियत   से   सर  झुकाते   हुए  कहा अच्छा -, “  पापा  क्या  आप  मुझे  १०० रूपये  दे  सकते  हो ?”

पिता ने कहा बिलकुल बेटी दे सकता हू पर तुम इसका क्या करोगे, तुम्हे क्या चाइये, तुम मुझे बता दो कल में ले आउगा | बेटी ने कहा नहीं पापा मुझे कुछ नहीं चाइये बस आप मुझे १०० रूपये दो | पर वो सोचने  लगा  कि क्या हो  सकता  है क्यों चाइये रुपये इसको क्या करेगी १०० रुपये का |

तभी पिता ने अपने पर्स में से १०० रुपये निकाल कर अपनी बेटी को दे दिए | “Thank You पापा ” बेटी ख़ुशी  से  पैसे  लेते  हुए  कहा , और  फिर  वह  तेजी  से  उठकर  अपनी  आलमारी  की  तरफ   गई , वहां  से  उसने  ढेर  सारे  सिक्के  निकाले  और  धीरे -धीरे  उन्हें  गिनने  लगी |

यह देख कर उसको समझ नहीं आ रहा था की हो क्या रहा है | जब मेरी बेटी के पास इतने पैसे है तो और क्यों मांग रही है |

पिता ने पूछ ही लिया, जब  तुम्हारे  पास  पहले  से  ही  पैसे  थे  तो  तुमने   मुझसे  और  पैसे  क्यों  मांगे ?”

बेटी ने कहा  क्योंकि  मेरे  पास पैसे कम  थे , पर  अब  पूरे हो गए है |

बेटी ने बहुत ही प्यार से अपने पिता को कहा, “पापा अब  मेरे  पास  २०० रूपये  हैं . क्या  मैं  आपका  एक  घंटा  खरीद सकती हूँ ? Please आप ये पैसे ले लोजिये और कल  घर  जल्दी  आ  जाइये  , हम सभी साथ मिल कर खाना खाएगे | यह सुन कर पिता की आँखों में आंसू आ गए और अपनी बेटी को गले लगा लिया |”

दोस्तों इस तेज रफ़्तार ज़िन्दगी हम सभी लोग इतना व्यस्थ हो गए है की अपने परिवार वालो को वक़्त ही नहीं दे पाते | हम उन लोगो के लिए  ही समय नहीं निकाल पाते जो हमारे जीवन में सबसे ज्यादा importance रखते हैं | दोस्तों हमे ये ख्याल रखना होगा की इस व्यस्त ज़िन्दगी में हम अपने परिवार वालो के साथ भी कुछ समय बिता सके |

लेखक: युग्म

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