कैसे रवि का सपना टुटा

आप लोगो ने सुना होगा की लोग सोते हुए सपना देखते है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो जागते हुए भी देख लेते है | उनमे से एक इन्सान रवि भी था जो जागते हुए सपना देखता था |

रवि बुधिहीन था और साथ ही साथ बहुत कामचोर भी था वह हमेशा काम से मन चुराया करता था एक दिन बात है रवि की माँ ने कहा, “बेटा, अब तू बड़ा हो गया है, कुछ कामकाज सीख ले, और कुछ पेसे ले कर आ घर पर |”

यह सुनकर रवि गुस्से में घर से बहार चला गया | कुछ देर चलने के बाद उसने एक बूढ़े व्यक्ति को पेड़ के नीचे आराम करते हुए देखा | उस बूढ़े इन्सान के सामने एक लकड़ी का गट्ठर देखा |

वह रुका और पूछा, “एक बाबा, कुछ काम मिलेगा क्या?”

यह सुनकर बुढा क्यक्ति बोला, “अरे बेटा में तो खुद बहुत गरीब हु, तुम्हे क्या काम दुगा | बस लकडिया काट कर इसे बेच देती हु ताकि कुछ पैसे मिल जाए | और उन पेसो से घर का गुजारा हो सके |”

रवि बोला, “अच्छा लाओ, में तुम्हारी मदद कर देता हु”

बुढा खुश होकर बोला, “तुम बहुत अच्छे हो बेटा, में इसमें से कुछ लकडिया तुम्हे दे दुगा “

यह सुनकर रवि खुश हो गया और लकडिया का गट्ठर सिर पर उठाया और चल पड़ा | वह मन ही मन सोच रहा था चलो कोई नहीं | पेसे नहीं तो लकडिया ही मिल रही है |

इस लकडियो को बेच कर मुझे कुछ पेसे मिल जायगे | और उन पेसो से में माँ के लिए कुछ खरीद लुगा | या फिर घर के बहार जो जमीन है उस पैर खेती कर लुगा या फिर उन पेसो से एक ट्रेक्टर खरीद लुगा ताकि खेतो को जोतने में आसानी हो जायगी | फिर एक दिन मेरे पास बहुत सारी फसल होगी और उसको बेच कर में बहुत सारे पेसे मिल जायगे |

रवि अपने सपनों में इतना खो गया था की वह भूल गया की आगे तलाब है और वह सीधा जा कर तलाब में गिर गया और साथ ही साथ सारी की सारी लकडिया भी पानी में गिर गई |

यह देखकर बुढा बहुत जोर से चिल्लाया, “अरे बेटा, ये तुमने क्या किया, मेरी सारी लकडिया को गिला कर दिया, अब इस लकडियो को क्यों खरीदेगा |”

रवि पानी से बाहर निकला और माफी मागने लगा, दरसल में अपने सपने में खो गया था और मुझे पता नहीं चला की आगे तलाब है | मेरा तो लाखो का नुकसान हो गया |

यह सुनकर बुढा और रवि दोनों ने अपना अपना सर पकड़ के जमीन पर बेठ गए और बुढा व्यक्ति बोला, “बेटा, दिन में सपने देखना अच्छी बात नहीं है | मेहनत करो और फिर सपने देखो | तब जो तुम चाहोगे, वो तुम प्राप्त कर सकोगे |”

सीख:  मेहनत के बिना इन्सान को कुछ नहीं मिलता |

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