एक बार एक सेठ अपने साथियों के साथ शिकार पर गया | वह एक हिरण के पीछे जंगल में कभी अंदर तक चला गया था और वहा जाकर हिरण उसकी आँखों के सामने से ओझल हो गया था परन्तु तब तक संध्या हो चुकी थी और वहा रास्ता भी भूल गया था | करीब करीब २-३ हफ्तों तक वह एक दुसरो को खोजते रहे | और एक दिन वो सब मिल गए और सेठ अपने पर बहुत ज्यादा क्रोधित था क्योई सब ने उसे मना किया परन्तु वह फिर भी उस हिरण के पीछे चला गया था |
परन्तु सब के मिलने पर उसके दोस्तों ने उसे समझाया और कहा “सब कुछ अच्छे के लिए होता है “ यह बात सुनकर सेठ को कुछ समझ नहीं आया वह ज्यादा दिमाग नहीं लगाना चाहता था क्योकि वह बहुत थक चूका था | कुछ दिनों बाद कुछ काम करते हुए उसकी एक ऊँगली कट गई और यह देख कर फिर उसके दोस्त ने कहा “जो हुआ अच्छे के लिए होता है “ | इस बार यह सुनते ही वो गुस्से से लाल-पिला हो गया | उसने उसे तुरंत अपने घर से निकाल दिया | इस पर भी उसने यही कहा, “जो हुआ अच्छे के लिए हुआ |”
कुछ दिनों बाद वह फिर अपने दोस्तों के साथ शिकार पर गया और उस उन सभो को जंगलो में रहने वाले आदिवासियों ने पकड़ लिया | आदिवासियों ने उसके सभी दोस्तों की बली चड़ा दी परन्तु सिर्फ इसे छोड़ दिया क्योकि वह पूरण तरह से स्वस्थ नहीं था क्योकि एक ऊँगली कटी हुई थी | उस वक्त उसके मुख से भी निकल पड़ा, “जो होता है अच्छे के लिए होता है |” और उस दिन सही मानो में इस का अर्थ पता चल गया और वापिस जा कर उसने अपने मित्र से माफी मांगी |
Khub valo. .