दो चप्पले की कहानी

एक शहर में एक आमिर व्यापारी रहता था उसका नाम मखमल राम था | उसकी कई मिले थी | उसके पास पैसो की कभी कमी नहीं रही |

लेकिन बहुत सारे पैसे होने के कारण भी वह मन से खुश नहीं था | वन मन से अकेला था वह साथ साथ क्न्जुज भी था अपने ऊपर एक रुपया खर्च नहीं करता था | वह हमेशा पुराने कपड़े पहेनत और चप्पले ऐसी की उसे देखने का भी मन न करे |

एक बार की बात है मखमल राम एक कार्यकर्म में गए | उन्होंने अपनी चप्पले बहार उतारी और उंदर चले गए | जब वह थोड़ी देर बाद आये तो देखा की वहा कोई भी चप्पले नहीं पड़ी है सिवाए एक नई जोड़ी चप्पल के |

उन्होंने मन ही मन में सोचा उन चप्पलो को क्यों ले जा सकता है | उन्होंने सोचा थोड़ी देर इन्तेजार कर लेता हु शायद कोई आ जाए लेकिन कुछ देर इन्तेजार करने के बाद भी वहा कोई नहीं आया |

तो उन्होंने वाज नई चप्पले फनी और चल पड़े | इतनी ही देर में एक सज्जन आये और अपनी चप्पले उनके पैर में देख आग बबूला हो गए और मखमल राम पर जोर जोर से चिल्लाने लगे |

यहाँ तक की उन पर चोरी का इल्जाम भी लगा दिया | इसके लिए उन्हें भारी दंड भी देना पड़ा उस आदमी को |

मखमल राम को लगा की यह सब कुछ उन चप्पलो की वजह से हुआ है और आखिर कार उन्होंने उसे फेंकने का निर्णय ले लिया |

उनके घर के पीछे एक नहर थी | उन्हीने ने वही पर अपनी चप्पले फ़ेंक दी | मखमल ने जहा अपनी चप्पले फेंकी उसी जगह एक मछुआरे ने जल बिछा रखा हुआ था |

चप्पले उनकी जल में अटकी और जाल फट गया | मछुआरे ने वह प्रसिद्ध चप्पले पहचान इ सीधा मखमल राम के पास आ गया और मखमल राम से अपने नुकसान की भरपाई मागने लगा |

मखमल राम ने सोचा क्यों न इस बार में इसे जला ही दू | उन्होंने थोड़ी देर चप्पलो को धुप में रखा ताकि वो सूख जाए | तभी आसमान से गुजरती एक चील ने चप्पलो को देखा और एक चप्पल को उठा कर ले गया |

थोड़ी ही दूर गया था की अचानक चील के मुह से वह चप्पल गिर गई और सीधा एक कड़ाई जिसमे एक महोत्सव के लिए खाना बन रहा था उसमे गिर गई |

खाना बना रहे महाराज ने वो चप्पले पहचान ली सीधा मखमल राम के पास पहुच गया अपने नुकसान की भरपाई के लिए |

मखमल राम बहुत निराश हो गया | उनसे सोचा अब क्या करू | उसने सोचा क्यों ना इसको में मिठ्ठी में गढ़ा देता हु |

उन्हीने अपनी चप्पलो को मिठ्ठी में दबा दिया और पुरे शहर में बता दिया की उनकी चप्पले भगवान को प्यारी हो गई है | और इस तरह मखमल राम ने अपनी पुरानी चप्पलो से अपना पीछा छुडवाया |

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