एक समय के बात है एक छोटे से शहर में एक लड़का रहता था जिसका नाम रवि था वह बहुत ही गरीब था |
वह दिन भर काम करता था और जो कुछ मिलता था रात को वह उन पेसो से खाना खाता था और फिर सडक किनारे ही सो जाता था | आने जाने वाले लोग दया खा कर उसे कुछ न कुछ दे दिया करते थे |
उसे चित्र बनाना बहुत पसंद था जब भी उसे खली समय मिलता वह, चित्र बनाना शुरू कर देता था | जो भी उस चित्र को देखता, देखता ही रहता | उसके चीते बहुत ही सुंदर होते थे |
रवि को परियो की कहानिया बहुत ही अच्छा लगता था | एक दिन की बात है वह भूखा ही सो गया था उस दिन उसने एक सपना देखा की एक परी उसके सपने में आई और बोली, “रवि, तुम एक बहुत अच्छे हो इसलिए में तुम्हे एक पेंसिल दे रही हु | यह पेंसिल जादुई है इस पेंसिल से जो भी तुम चित्र बनाओगे, वह चित्र सच हो जाएगे | और यह कहकर परी वहा से चली गई |”
रवि जब सुबह उठा तो उसे रात का सपना याद आया, और उसे याद करके बहुत खुश हुआ और सोचने लगा काश यह सपना सच हो जाए | तभी उसकी नजर उसके पास पड़ी पेंसिल देखी, जो सपने में परी ने दी थी |
फिर उसने जल्दी से पेंसिल पकड़ी और नाश्ता बनाया | जैसे ही उसने चित्र खत्म किया, नाश्ता उसके सामने आ गया | उसने भर पेट नाश्ता किया |
फिर उसने अपने पहने के लिए कपड़े बनाये | वह भी सच हो गया | फिर उसने अपने सभी दोस्तों को बुलाया और सब के लिए नाश्ता और कपड़े बनाये | उसके सभी दोस्तों ने नाश्ता किया और कपड़े पहने |
यह बात आग की तरह पुरे शहर में फेल गई | वहा के राजा तक भी यह बात पहुच गई | उसने अपने सिपाही को भेजा रवि को लाने के लिए |
राजा ने रवि को बोला, सुना है जो भी टीम पेंसिल से बनाते हो वह सच हो जाता है |
रवि बोला, “जी महाराज “
राजा ने कहा, “तो ठीक है तुम मेरे ले बहुत सारे हीरे, जवाहरात बनाओ |”
यह सुनकर रवि ने मना कर दिया और कहा महाराज, यह पेंसिल सिर्फ मजबूर लोगो के लिए है |
यह सुनकर राजा को क्रोध आ गया और उसने रवि को कारागार में डाल दिया और उसका खाना पीना भी बंद कर दिया | लेकिन रवि के पास तो पेंसिल थी और उसी पेंसिल से उसने कारागार से भागने के लिए रास्ता बनाया और वहा से भाग गया |
तो इस तरह रवि जादुई पेंसिल से अपनी जान बचाई |