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अग्निपथ योजना
कुछ दिन पूर्व ही भारतीय सेना की तैयारी करने वाले छात्रों ने आगजनी व हिंसा की थी जो कि भारत सरकार के अग्निपथ योजना के विरुद्ध की गयी थी। तो आइये जानें की यह योजना कितनी अच्छी कितनी बुरी है ।
इस अग्निपथ योजना की घोषणा सरकार द्वारा 16 जून 2022 को की गयी तभी से यह विवादों में घिरी रही है । इस योजना के अन्तर्गत् कमीशन अधिकारियों के नीचे के पद पर सैनिकों की भर्ती होनी है ।
भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना में क्रमशः जवान एयरमैन व नाविक के पदो पर भर्ती की जाएगी इस योजना में अफसर रैंक पर भर्ती नहीं होगी उसके लिए पहले से चल रही योजनाएं लागू रहेंगीं । यह भर्ती 50-60 हजार से लेकर 1,20,000 प्रतिवर्ष तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है क्योंकि अफसर रैंक के नीचे के कर्मिकों के लिए थल सेना में 1 लाख , वायु सेना में 5000 और नौसेना में 11000 पद खाली हैं।
यह भर्ती सिर्फ चार साल के लिए होगी पर योग्य 25 प्रतिशत युवाओं को स्थायी रूप से सेना में स्थान मिल जाएगा और वे सेना के नियमित नियमों द्वारा शासित होंगे। अग्निवीरों को सेवानिवृत्ति के साथ सेवा निधि पैकेज भी दिया जाएगा। इस योजना के जरिये सेना में भर्ती होने वाले युवा अग्निवीर कहलाएंगे। इसमें युवाओं को पहले साल 4.76 लाख का पैकेज मिलेगा जो बढ़ते बढ़ते चौथे साल 6.92 तक पहुंच जाएगा। इसमें रिस्क व हार्डशिप अलाउंस भी मिलेगा तथा चार साल का कार्यकाल समाप्त होने पर 11.7 लाख रुपये की सेवानिधि भी मिलेगी जो कि टैक्स फ्री होगी।
युवाओं के देश के अलग अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा। यह योजना न सिर्फ भारतीय युवाओं में देश प्रेम की भावना जागृत करने के लिये बल्कि सेना को युवा शक्ति प्रदान करने के लिए भी बनाई गयी है | भारतीय सेना में 13 लाख से भी अधिक संख्या की औसत उम्र 32 वर्ष है । अग्निवीर योजना के कारण इस औसत उम्र में भी कमी आ जाएगी।
योग्यता मापदंड- अग्निवीर बनने की योग्यताएं निम्न हैं –
- 5 से 23 वर्ष तक के युवक ही अग्निवीर बनने के लिये योग्य माने जाएंगे । यह सीमा 17.5 से 21 थी पर कोरोना महामारी के चलते दो वर्ष से जो भर्तियां रुकी हुईं थीं उनकी पूर्ति करने हेतु यह सीमा बढ़ाई गयी थी ।
- आवेदक को 50 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं पास होना आवश्यक है ।
- आवेदक को छः माह ट्रेनिंग लेनी होगी और 3.5 वर्ष तक सेना में सेवाएं प्रदान करनी होंगी।
- अन्य क्राइटेरिया जैसे हाइट वजन शारीरिक क्षमता भी वैसे ही चेक की जाएगी जैसे सेना में भर्ती होने वाले रेगुलर कैंडीडेट की की जाती है परंतु ये अभी तक पूर्णतयः स्पष्ट नहीं है ।
अग्निपथ स्कीम की विशेषताएं – यद्यपि इस योजना को लेकर अनेक मतभेद हैं पर फिर भी इसकी कुछ विशेषताओं का जिक्र करना आवश्यक हो जाता है ।
- मेरिट बहुत कम पचास प्रतिशत होने के कारण देशभर के युवा बड़ी संख्या में फार्म भर सकेंगे।
- इसमें किसी प्रकार के आरक्षण का जिक्र नहीं है अतः आशा है कि सबके साथ बराबरी का व्यवहार होगा ।
- 25 प्रतिशत छात्रों को योग्य पाये जाने पर सेना में 15 वर्ष के लिए उन्हीं के क्षेत्र में स्थायी स्थान मिल जाएगा। और वो बाकी जवानों की तरह पेंशन व अन्य सुविधाएं भी पा सकेंगे।
- सेवा समाप्त होने पर उन्हें उनकी योग्यतानुसार सर्टिफिकेट देने की बात की गयी है जिससे उन्हें नौकरी आसानी से मिल सके ।
- राज्य पुलिस बल व केन्द्रीय बल में उन्हें विशेष वरीयता दी जाएगी ।
- अग्निवीरों का 48 लाख का बीमा किया जाएगा।
- योग्य अग्निवीरों को गैलेन्ट्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जाएगा।
- अग्निवीरों को ट्रवेल अलाउंस, साल में 30 दिन की छुट्टी , मेडिकल लीव, यूनीफार्म, कैंटीन सुविधा, स्वास्थ्य सुविधा आदि भी प्राप्त होंगे।
- अग्निवीरों को गोपनीयता की शपथ लेनी होगी वे किसी भी व्यक्ति से सेवा के समय मिली सूचना साझा नहीं कर सकेंगे।
Year | Total Monthly Salary | In Hand | Agni veer Corpus Fund Contributions(30% of Salary) | Gov Corpus Fund Contributions |
First Year | 30000 | 21000 | 9000 | 9000 |
Second Year | 33000 | 23100 | 9900 | 9900 |
Third Year | 36500 | 25500 | 10950 | 10950 |
Forth Year | 40000 | 28000 | 12000 | 12000 |
Total | 5.02 Lakhs | 5.02 Lakhs |
भारत ऐसी योजना लाने वाला एकमात्र देश नहीं है । अमेरिका में पुरुषों के लिए 2 साल सैन्य सेवा देना अनिवार्य है इजराइल में पुरुषों को 3 तथा स्त्रियों को 2 वर्ष सेना में सेवा प्रदान करना अनिवार्य है । दक्षिण कोरिया में सभी पुरुषों को सेना में 21 महीने, नौसेना में 23 महीने या वायु सेना में 2 वर्ष की सेवा अनिवार्य है | उत्तर कोरिया में पुरुषों के लिए 11 साल जबकि महिलाओं के लिए 7 साल की सैन्य सेवा अनिवार्य है | स्विट्ज़रलैंड में 18 से 34 वर्ष की आयु के पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है | ब्राजील में 10 माह से 1 वर्ष तथा सीरिया में 18 महीने की सेवा अनिवार्य है । स्वीडन ने तो 2010 में इस स्कीम को समाप्त कर दिया था पर 2017 में फिर शुरु करने का निर्णय लिया गया।
विरोध के कारण-
- पहला कारण यह है कि सेवा सिर्फ 4 चाल के लिए रोजगार मुहैया कराती है ।
- इसमें चुने गये युवाओं को पेंशन सुविधा नहीं मिलेगी।
- केवल 25 प्रतिशत को स्थायी रोजगार मिलेगा उसके बाद बाकी के युवा बेरोजगार हो चुके होंगे।
- 4 साल से पहले युवा अपनी मर्जी से नौकरी नहीं छोड़ सकते । उन्हें यह कार्यकाल पूरा करना ही होगा।