हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से होली भी है, जिसे बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । यह त्यौहार बसंत ऋतु में मनाया जाता है ।
ठंडी के धीरे धीरे खत्म होने और गर्मी में आरंभ होने के साथ-साथ पतझड़ के मौसम में इस पर्व का आगाज होता है । होली सिर्फ भारत में ही नहीं वरन पूरे विश्व में प्रसिद्ध है इसलिए विदेशी से भी लोग भारत में होली का त्यौहार मनाने और देखने के लिए आया करते हैं ।
होली प्रमुख रूप से रंगो का त्यौहार है । जिसमें लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर गले मिलते हैं और प्रेम से एक दूसरे शरीर पर रंग लगाते हैं । यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें दुश्मन भी आपस में गले मिल जाते हैं और एक दूसरे साथ मिलकर रंगो की होली खेलते हैं ।
हिंदू मान्यताओं के आधार पर इसी दिन भगवान विष्णु के भक्त और हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद को लेकर उनकी बुआ होलिका ने अग्नि में प्रवेश किया था लेकिन भक्तवत्सल भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद के प्राण तो बच गए लेकिन उनकी बुआ होलिका जलकर राख हो गई । तब से उस दिन को हम होलिका दहन के रूप में मनाते हैं ।
दूसरे दिन रंगो की होली खेलते हैं । एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर गले मिलते है और घर में तरह तरह के पकवान भी बनाए जाते हैं ।
भारत में बहुत सी ऐसी जगह हैं जहां पर होली बड़े ही धूमधाम और अच्छी तैयारियों के साथ मनाया जाता है । वहां भारत से ही नहीं वरन बाहर से विदेशी भी होली देखने और खेलने के लिए आया करते हैं ।
भारत के विभिन्न स्थानों पर अलग अलग तरह से और शैलियों में होली का उत्सव मनाया जाता है ।
चलिए हम जानते हैं उन स्थानों के बारे में जहां पर होली देखने और खेलने का अपना अलग ही आनंद है । होली के त्योहार में इन स्थानों पर होली देखने जाने का मजा ही कुछ अलग है ।
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ब्रज की होली ( Braj Holi ) –
पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में विख्यात ब्रज की होली कौन नहीं जानता । ब्रज में कृष्ण भगवान के कर्मस्थली में बड़ी ही धूमधाम से होली खेली जाती है ।
यहां पर लगभग एक सप्ताह तक होली का कार्यक्रम चलता है, जिसे देखने के लिए पूरे भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आया करते हैं । भारत में सबसे अच्छी होली धूमधाम से होली ब्रज में ही मनाई जाती है । ब्रज निवासियों द्वारा होली त्योहार को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है ।
ब्रज में श्रीकृष्ण गोपिकाओ के साथ होली खेला करते थे और उनके संग रास रचाया करते थे । जिसके तर्ज पर ही आज भी यहां बड़े ही उत्सुकता से होली का कार्यक्रम मनाया जाता है ।
बरसाने की होली ( Holi of Barsana ) –
बरसाने की लठमार होली अपने आप में एक अलग ही गाथा कहती है ब्रज निवासी सबसे पहले अपनी टोली बनाकर बरसाने होली खेलने के लिए जाते हैं, जहां पर महिलाएं इन्हे लाठी से मार मार कर भगाती है, जिसके कारण ही इस होली का नाम लट्ठमार होली पड़ा ।
वास्तविकता में लठमार होली में लट्ठ से मारा नहीं जाता बल्कि उसके लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में होता है जिसे पुरुष अपने पीठ पर बांधते है और महिलाए उस पर लठ की बरसात करती है और पुरुषो पर प्यार से रंग फेकती है ।
एक दूसरे को प्यार से रंग लगाकर बड़े ही मनोरम तरीके से बरसाने में ब्रजवासी होली खेलते हैं । उसके बाद बृजवासी बरसाने के निवासियों के साथ ब्रज वापस आते हैं और यहां पर होली खेलते हैं यह कार्यक्रम लगभग पूरे दो हफ्तों यानी 16 दिनों तक लगातार चलता रहता है ।
बरसाने में होली खेलने के लिए बृजवासी इसलिए जाया करते है, क्योंकि श्रीकृष्ण राधा से होली खेलने के लिए ब्रज से बरसाना जाया करते थे ।
पंजाब में आनंदपुर साहिब की होली (Holi of Anandpur Sahib in Punjab ) –
पंजाब में आनंदपुर साहिब में कुछ खास तरह की होली का आयोजन होता है । यहां पर होली को हाला मोहल्ला के नाम से मनाया जाता है । जिसकी शुरुआत गुरु गोविंदसिंह ने पहली बार सन 1701 में किया था ।
यहां पर होली में रंगो का उपयोग नही किया जाता है बल्कि उसकी जगह यहां तरह तरह के युद्ध कौशल और अनेकों प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है । यहां आयोजित हुई प्रतियोगिताओं में विजेता को उचित सम्मान से सम्मानित किया जाता है और उसके ग्रुप को उस साल का विजेता घोषित किया जाता है ।
गोवा में शिगमोत्सव ( Shigmotsav in Goa )–
गोवा में होली को शिगमोत्सव के नाम से मनाते है । यहां होली मनाने का तरीका कुछ अलग है । यहां पर 5 दिनों में लगातार परेड का आयोजन होता है । परेड के दौरान यहां अनेकों प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य व अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता हैं ।
लगातार पांच दिनों तक परेड होने के बाद यहां भव्य रुप से होली का आयोजन किया जाता है । जिसमें एक दूसरे के ऊपर गुलाल फेंक कर लोग होली का आनंद लेते हैं । समुद्र के किनारे यह पर लोगो होली के दिन इकट्ठा होते है और एक दूसरे पर गुलाल और रंग डालते है ।
भोजपुरी होली ( Bhojpuri Holi ) –
बिहार राज्य में कुछ अलग प्रकार से ही होली मनाई जाती हैं । यहां पर होली में पकवानों के साथ साथ में भांग भी पीते हैं और एक दूसरे को पिलाते हैं । एक दूसरे को गुलाल लगाकर आपस में गले मिलते हैं और यहां पर लोग दूध में भांग मिलाकर एक दूसरे को पिलाते हैं और दिन भर रंग और भांग में मस्त रहते हैं ।
बिहार में भोजपुरी भाषा बोली जाती है जिसके कारण यहां पर मनाई जाने वाली होली कौन भोजपुरी होली के नाम से जाना जाता है ।
पश्चिम बंगाल का बसंत उत्सव ( Spring Festival of West Bengal )–
भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में होली को बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है । यहां पर शांतिनिकेतन में माता सरस्वती की पूजा के बाद होली कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें यहां के छात्र-छात्राएं रंग बिरंगे कपड़े पहनकर होली की कार्यक्रम का आयोजन करते है ।
बसंत उत्सव में टैगोर जी के सांस्कृतिक गीतों पर नृत्य करते है जो कि यह पर आए हुए दर्शको के मन को बहुत ही अच्छा लगता है ।
दिल्ली की होली ( Delhi’s Holi ) –
भारत की राजधानी दिल्ली में होली बनाने का तरीका कुछ अलग है । यहां पर नवयुवक बैंड बाजों के साथ डांस करते हुए म्यूजिकल होली मनाते हैं । गानों की धुन पर डांस करते हुए एक दूसरे के ऊपर गुलाल सकते हैं और आपस में डांस करते हैं ।
दिल्ली की नव युवकों में होली को लेकर एक अलग तरह का उत्साह देखने को मिलता है ।
महाराष्ट्र की होली( Maharashtra holi ) –
महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में कुछ अलग प्रकार की होली मनाई जाती है । यहां पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और होली जैसे त्योहारों पर मटकी में रंग भर कर उसे ऊंचाई पर बांध देते है और कई युवकों की टोलियों के द्वारा छोड़ा जाता है मटकी फोड़ते ही होगी जवाहर का आनंद लेते हुए सभी एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और आपस में रंग लगाकर मस्ती करते है ।
दोस्तों “ होली देखने या खेलने के लिए भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल “ आर्टिकल पढ़ कर आपको बहुत ही मजा आया होगा और अपने देश में विभिन्न स्थानों पर कैसे होली का त्योहार मनाया जाता है । आपको पता चला होगा । आप भी कमेंट करके हमें बताएं कि आपके शहर में होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है ।