बहुत पुरानी बात है एक जंगल में एक नन्हा सा बछड़ा रहता था बिलकुल दुनियादारी से बेखबर था | उस बछड़े के माँ बाप उसे हर दिन एक नई बात बाते दुनिया के बारे में जो उसे भविष में काम आ सके |
एक दिन उसकी माँ के कहा, “बेटा, जाओ आज जंगल का थोड़ी दूर तक का चकर लगा कर आओ| परन्तु ज्यादा अंदर मत जाना, क्योकि जंगल में बहुत खतरनाक जानवर भी रहते है जी तुम्हे मारकर खा सकते है | इसलिए मत जाना |
बछड़े ने हामी भरी और जंगल की और चल पड़ा | थोड़ी दूर तक जाने के बाद उसे एक छोटी सी नहर दिखी | वह उस नहर को पार करने ही वाला था की अचानक वहा पर एक बेल आ गया | बेल बछड़े से बोला हा, हा तुम पार कर सकते हो, गहरी बिलकुल नहीं है | तुम इसको बहुत आसानी से पार कर सकते हो | प्परन्तु बछड़ा बहुत जादा सोच रहा था की जाऊ के न जाऊ | बहुत देर सोचने के बाद उसने नहर को पार करने का इरादा कर लिया | वह उसे पार करने जा ही रहा था की अचानक एक अवाज आई, “रुक जा मुर्ख” | उड़ ने पीछे मुड कर देखा तो उसे वहा एक बंदर दिखा | बंदर बोल, “भाई तुम्हे दिखाई नहीं देता की पानी कितना गहरा है, तुम डूब जाओगे | आज सुबह ही मेरा एक दोस्त इस नहर को पार कर रहा था की अचानक पानी के बहाव में भह गया और डूब कर मर गया |” और यह कहते ही बंदर चला गया |