भारत का सबसे बड़ा बांध (India’s Biggest dam)

भारत में खूब सारे बाँध है उनमे सबसे बड़ा बाँध कोनसा है ?? कब बना और  क्या उसका इतिहास है ?? भारत के सबसे बड़े बाँध के बारे में  जानना दिलचस्प रहेगा तो क्यों न इस बारे में  जानकारी ली जाये।

भारत का सबसे बड़ा बांध भाखड़ा नांगल बांध है। यह बांध की योजना की बात 1944 ईस्वी में पूरी तरह शुरू हो गई थी और इस पर तात्कालिक पंजाब के राजस्व मंत्री श्री छोटूराम और बिलासपुर के राजा के बीच नवंबर 1944 में एक समझौता हुआ।

8 जनवरी 1945 ईस्वी को इस प्रोजेक्ट की प्लानिंग पूरी हुई। इस बांध की शुरुआत निर्माण कार्य 1946 में शुरू हुई। तथा 1948 में बांध बनाना शुरू हुआ।

17 नवंबर 1955 को तात्कालिक प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की उपस्थिति में कंक्रीट के द्वारा बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ।निर्माण अमेरिकी इंजीनियर हार्वेस्ट स्लोकेम के निर्देशन में अक्टूबर 1963 में पूरी हुई।

तो आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में भाखड़ा नंगल परियोजना से जुड़ी संपूर्ण जानकारियां लेकर आए हैं। आप हमारे आर्टिकल के साथ अंत तक जुड़े रहे।

 

भारत के सबसे बड़े बाँध का इतिहास ( History of India’s biggest dam ):-

भाखड़ा नांगल बांध हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सतलज नदी पर बनाया गया। यह बांध भाखड़ा नंगल परियोजना के अंतर्गत निर्मित किया गया है।

यह 856 फीट ऊंचे ‘टिहरी बांध’ के बाद भारत का दूसरा सबसे विशाल बांध है। इसकी ऊंचाई 740 फीट तक है। देश की सबसे बड़ी बहू उद्देशीय नदी घाटी परियोजना “ भाखड़ा नांगल परियोजना “ को सन् 1963 ईस्वी में देश को समर्पित कर दिया गया।

इससे बड़ा बोल्डर बांध अमेरिका में स्थित है। भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण 1948 में शुरू कर दिया गया था और अमेरिकी बांध निर्माण हार्वेस्ट लोकेश के निर्देशन में 1962 में इसका निर्माण पूरा किया गया।

22 अक्टूबर, 1963 को उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शुभारंभ किए थे। इसका प्रमुख उद्देश्य सिंचाई और बिजली का उत्पादन करना था।

इस बाँध  पर लगे पनबिजली संयंत्र से 1325 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। जिससे पंजाब के अलावा हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी बिजली की आपूर्ति होती है।

शिवालिक पहाड़ियों के बीच 740 फीट ऊंचा और लंबा है। आधार में इसकी चौड़ाई 638 फीट है। वहीं इससे 13 किलोमीटर दूर नीचे स्थित नांगल बांध 95 फीट ऊंचा और 1000 फीट लंबा है। यह राजस्थान पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना भी है।

 

इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2% है। इस परियोजना से श्रीगंगानगर ,सीकर, झुंझुनू ,हनुमानगढ़ और चूरु जिलों के अलावा 250 से अधिक छोटे-बड़े गांव और कस्बों को भी बिजली की आपूर्ति होती है।

 

किस नदी पर बना है भारत का सबसे बड़ा बाँध ??On which river is India’s Biggest dam built??

भाखड़ा नंगल बांध सतलज नदी पर बनाया गया है। यह बांध दो बांधो भाखड़ा और नांगल बांध से मिलकर बना है। भाखड़ा बांध नांगल बांध से 13 किलोमीटर दूरी पर बनाया गया है।

भाखड़ा नांगल बांध भारत का दूसरा बड़ा जलाशय एवं विश्व का एक अधिक ऊंचाई वाला गुरुत्व बांध है। यह बांध भारत में स्थित है। यह बांध की जलाशय क्षमता 7,501,775 एकर फ्ट है।

 

नांगल डैम की गहराई  ( Nangal Dam Depth ):

भाखड़ा बांध की लंबाई 1700 फीट (520 मीटर) और ऊंचाई 741 फीट (226 मीटर)।

 

भाखड़ा नांगल बांध का उद्देश्य  ( Purpose of Bhakra Nangal Dam) :-

  • जल विद्युत उत्पादन एवं सिंचाई में सहायता प्रदान करना।
  • इस परियोजना से हनुमानगढ़ सीकर श्रीगंगानगर झुंझुनू एवं चूरु जिलों में विद्युत प्राप्त होता है।

 

भाखड़ा नांगल बांध से लाभान्वित होने वाले राज्य ( States to be benefited from Bhakra Nangal Dam) :-

भाखड़ा बांध का पानी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश एवं दिल्ली जैसे राज्यों को मिलता है।

 

भाखड़ा नांगल बांध से लाभ होने वाले एवं इसकी परियोजना (Benefit from Bhakra Nangal Dam and its project ):-

पंजाब में सतलज नदी पर स्थित भारत की सबसे विशाल बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। यह पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है।

इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2% है, इसकी कुल लंबाई 649 किलोमीटर है, जिसमें से  169 किलोमीटर पंजाब तथा हरियाणा को 14 किलोमीटर में तथा शेष राजस्थान में स्थित है।

  • यह बांध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे विशाल गुरुत्वीय बांध है।
  • भाखड़ा नांगल बांध पंजाब राज्य के होशियारपुर जिले में सतलज नदी पर बनाया गया है। यह बांध 261 मीटर ऊंचे टिहरी बांध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा बांध है। इस बांध की ऊंचाई 255.55 मीटर (740 फिट) है। अमेरिका का ‘हुवर बांध’  743 फीट ऊंचा है।

 

भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण कार्य ( Bhakra Nangal Dam construction work ):-

✓ भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण सन 1948 ईस्वी में शुरू हो गया था। और यह 1963 ईस्वी में पूरा हो गया सन 1970 ईस्वी में या बांध पूर्ण रूप से कार्य करने लगा था।

✓ इस बांध के पीछे बनी झील का नाम गोविंद सागर है जो सिखों के दसवें  ‘गुरु गोविंद सिंह’ के नाम पर बनाया गया है।

✓ इस बांध की सहायक इंदिरा सागर परियोजना के अंतर्गत राजस्थान तथा इंदिरा नहर का विकास भी किया गया। जो भारत की सबसे बड़ी नहर प्रणाली बनी। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत का उत्पादन करना है।

✓ यह बांध वर्ष 1963 ईस्वी में राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया।

✓ इस परियोजना में श्रीगंगानगर, सीकर, झुंझुनू, हनुमानगढ़ एवं चुरू जिले को विद्युत प्राप्त किया गया।

✓ भाखड़ा नांगल बांध से 250 छोटे-बड़े कस्बों और अनेक उद्योगों को भी लाभ मिलता था।

✓ हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब इससे बहुत ज्यादा लाभान्वित होते हैं।

✓ भाखड़ा नांगल बांध की कुल जल विद्युत उत्पादन क्षमता 1325 मेगावाट है। बांध से ‘बिस्त दोआब’ नहर नरवाना शाखा नहर एवं सरहिंद नहर आदि भी निकाली गई है।

 

भाखड़ा नांगल बांध टूटने का परिणाम क्या होगा? (What will be the result of Bhakra Nangal dam breaking?)

अगर भाखड़ा नांगल बांध टूट जाता है, तो इससे 1325 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इसके टूटने से बिजली का संकट उत्पन्न हो जाएगा। साथ ही हरियाणा,पंजाब के कई हिस्सों में पानी भरने का संकट उत्पन्न हो जाएगा और पानी का बहाव होता रहेगा। तो लोगों की जान को खतरा हो जाएगा। इसके टूटने से सालों तक प्रभावित जमीन पर खेती नहीं की जा सकती है। जिससे भारी नुकसान होगा।

निष्कर्ष (Conclusion):-

आज हमने आपको इस आर्टिकल में भारत के सबसे बड़े बांध यानी कि भाखड़ा नंगल बांध के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कराइ है।

हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के बाद आपको भाखड़ा नंगल परियोजना के बारे में संपूर्ण जानकारी तो प्राप्त हो ही गई होगी, एवं इसके बारे में और इसके इतिहास की भी जानकारी हो गई होगी। आशा करते हैं कि उपरोक्त सभी जानकारियां आपके लिए सहायक पूर्ण एवं सुविधाजनक रही होगी।

Leave a Comment