1980 से 1990 के दशक में स्टॉक मार्केट को हिला कर रख देने वाले हर्षद मेहता (Harshad Mehta) इकलौते बादशाह थे , जिन्होंने भारत देश के शेयर बाज़ार के दिशा को ही बदल कर रख दिया ।
जो लोग शेयर बाज़ार और खबरों में दिलचस्प रखते है, उनको 1992 वाला बहुत चर्चित 4000 करोड़ का घोटाला तो याद ही होगा। जिनको नहीं पता है वो लोग भी इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद जान जाएंगे कि 1992 के घोटाले का कर्त्ता धर्ता हर्षद मेहता ही थे ।
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हर्षद मेहता कौन थे (Who is Harshad Mehta) ?
हर्षद मेहता (Harshad Mehta) का जन्म 29 जुलाई 1954 को पनेल मोटी ,गुजरात के राजकोट शहर में हुआ था । हर्षद मेहता के पिता का नाम शांतिलाल मेहता और माता का नाम रसीलाबेन मेहता था। हर्षद मेहता का पूरा नाम हर्षद शांतिलाल मेहता है।
हर्षद मेहता के पिता शांतिलाल मेहता कांदिवली , मुंबई में छोटी सी टेक्टाइल कंपनी के मालिक थे। हर्षद का पूरा बचपन कांदिवली में ही बीता , फिर उसके बाद उनका परिवार रायपुर , मध्य प्रदेश में रहने लगे ।
हर्षद मेहता ने अपनी शिक्षा होली क्रॉस हायर सैकेण्डरी स्कूल से किया है और सन 1976 में लाला लाजपतराय कॉलेज मुंबई से बी. कॉम की डिग्री को लेकर अगले आठ साल तक छोटी–मोटी नोकरियो को किया । हर्षद मेहता का विवाह ज्योति मेहता से हुआ है और हर्षद मेहता के बेटे का नाम आतुर मेहता है ।
शेयर बाजार में कैसे आया हर्षद मेहता का नाम ?
शेयर बाज़ार में हर्षद मेहता का प्रवेश तब हुआ जब उन्होने ‘द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी’ में नौकरी करना शुरू किया । यहीं से उसकी स्टॉक मार्केट में दिलचस्पी बढ़ गई और नौकरी छोड़कर उन्होने 1981 में हरिजीवनदास नेमीदास सिक्योरिटीज नाम के ब्रोक्रेज फर्म में बतौर जॉबर की नौकरी को ज्वाइन कर लिया । हर्षद मेहता ने प्रसन्न परिजीवन दास को अपना गुरु बना लिया ।
हर्षद मेहता ने प्रसन्न परिजीवनदास के साथ काम करके शेयर बाजार के सारे पैंतरे को सिख लिया और 1984 में खुद की ग्रो मोर रीसर्च एंड असेट मैनेजमेंट नाम की कंपनी आरंभ किया फिर हर्षद ने बॉम्बे शेयर एक्सचेंज में बतौर ब्रोकर की मेंबरशिप ले ली । फिर यहाँ से शुरू हुई हर्षद मेहता की अर्श से फर्श तक की कहानी, हर्षद शेयर बाजार का बेताज बादशाह और ‘स्टॉक मार्केट का अमिताभ बच्चन’, ‘बिग बुल’ के नाम से भी जाना जाने लगा।
1990 तक हर्षद मेहता इंडियन शेयर बाजार में बड़ा नाम बन चुका था। कहां जाता था कि हर्षद मेहता जिस चीज को छू दे वो सोना बन है ।
कैसे उजागर हुआ रसीद घोटाला
सुचेता दलाल जोकि एक पत्रकार थी इन्होंने
23 अप्रैल 1992 को Times Of India के एक कॉलम में हर्षद मेहता के सभी अवैध तरीकों का खुलासा कर दिया ।
सुचेता दलाल ने बताया कि एक रेडी फॉरवर्ड डील में दो बैंक होते है जो कमीशन के एवज में ब्रोकर के जरिए लाया जाता है ।
जब इस घोटाले के बारे में सभी बैंको को पता चला तो सभी ने अपने पैसे मांगना शुरू कर दिए , यही से हर्षद मेहता के उत्थान का पतन हो गया । हर्षद मेहता पर 72 आपराधिक केस दाखिले हुए और उनके खिलाफ 600 से भी ज्यादा सिविल एक्शन सूट दायर किए गए।
मार्केट वॉचडॉग, सिक्योरिटीज और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने शेयर मार्केट से संबंधित गतिविधियों के लिए उन्हें जीवन भर के लिए वंचित कर दिया था।
यह घोटाला इतना बड़ा था कि इसकी जाँच के लिए CBI को भी आना पड़ा। फिर CBI ने हर्षद मेहता और उनके भाइयों को 9 नवंबर 1992 को लगभग 90 कंपनियों के 2.8 मिलियन से अधिक शेयरों के दुरुपयोग के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया ।
हर्षद मेहता की मृत्यु
हर्षद मेहता को ठाणे जेल में आपराधिक मामले मे हिरासत में रखा गया था । यही हर्षद मेहता के सीने में आधी रात को दर्द की हुआ , जिसके बाद उन्हें ठाणे के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। परंतु उनका स्वास्थ और ख़राब होता चला गया और 31 दिसंबर 2001 को 47 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई ।
हर्षद मेहता का परिवार
हर्षद मेहता के परिवार की बात करे तो उनके पिता जी का नाम शांतिलाल मेहता था , जोकी मुंबई के कांदिवली एरिया मे टेक्सटाइल के एक छोटे से व्यापारी हुआ करते थे। और हर्षद मेहता की माता का नाम रसीलाबेन मेहता था , हर्षद मेहता की wife का नाम ज्योति मेहता है। उसके भाई आश्विन मेहता उनके पार्टनर हुआ करते थे। हर्षद मेहता के बच्चे की जानकारी बताये तो हर्षद मेहता के बेटे का नाम आतुर मेहता , अस्विन मेहता है ।
हर्षद मेहता Web series
हर्षद मेहता के उपर Web Series भी बानी हुई है। हंसल मेहता नाम के प्रसिद्ध डायरेक्टर ने स्कैम 1992 नाम की फिल्म बनी हुई है। हर्षद मेहता series में उनकी सम्पूर्ण जानकारी को बताया गया है । ये Web series भारत देश के बहुत बड़े आर्थिक घोटाले के बादशाह हर्षद मेहता की जीवनी के उपर बनाया गया है। इसका नाम “The Harshad Mehta Story ” के नाम से भी प्रचलित है ।
हर्षद मेहता के उपर दिलचस्प तथ्य
1993 में पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव और उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष पर केस से बचाने के लिए एक करोड़ घूस लेने का आरोप लागया गया था।
1990 की दसक में हर्षद मेहता का नाम बड़े मैगजीन और अखबार के कवर पेज पर नाम आने लगा था । हर्षद मेहता का नाम शेयर बाजार में बड़े अदब से लिया जाता था । हर्षद मेहता के 15500 स्कॉयर फीट के सी फेसिंग पेंट हाउस से लेकर उनके महंगे गाड़ियों के शौक तक सब ने उन्हें एक सितारा बना दिया था।
1992 में Times of India के पत्रकार सुचेता दलाल ने हर्षद मेहता के सबसे बड़ा घोटाले का पर्दाफाश कर दिया था उन्होंने यह बताया था की हर्षद मेहता बैंक से एक पंद्रह दिन का लोन लेता और उसे शेयर बाजार में लगा देता था।
हर्षद मेहता के पास लक्जरी गाड़ियों का पूरा काफिला था हर्षद मेहता ने प्रधानमंत्री पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया था। उनकी कहानी गुजराती के वह लड़के की कहानी है जो जेब तो खाली था परंतु सपने बहुत भारी देख चूका था। उनका ख्वाब दौलत की उस ऊंचाई को छूने लगे थे जहां तक कोई पहुंचा नहीं था ।
हर्षद मेहता के तेजी से बढ़ते हुए घोटालो के करण ही उन पर 72 अपराध के आरोप के केस लगाए गए,
और इसके पश्चात उनपर 500 से लेकर 600 से भी ज्यादे का सिविल एक्शन शूट दर्ज किया गया ।
हर्षद मेहता का संछिप्त जीवन परिचय :–
- पूरा नाम – हर्षद शांतिलाल मेहता
- जन्म तिथि – 29 जुलाई 1954
- जन्म का स्थान – राजकोट, गुजरात
- धर्म – हिन्दू
- राशि – कन्या
- राष्ट्रीयता – भारत
- निवास स्थान – मुंबई, महाराष्ट्र
- पिता का नाम – शांतिलाल मेहता
- माँ का नाम – रशीला बेन मेहता
- भाईयो के नाम – अश्विन मेहता, सुधीर मेहता, हितेश मेहता
- पत्नी का नाम – ज्योति मेहता
- बेटे का नाम – अतुर मेहता
- स्कूल – होली क्रॉस बयारन हायर सेकंडरी स्कूल
- कॉलेज – लाजपत राय कॉलेज, मुंबई
- शैक्षणिक योग्यता – बी. कॉम
- पेशा – स्टॉक ब्रोकर
- मृत्यु तिथि – 31 दिसंबर 2001
- संपत्ति – 250 करोड़ साल 2000 मे