रामगढ़ के राजा हरिश्चंद्र के दरबार में एक रवि नाम के बहुत विद्वान दरबारी थे | उनकी प्रशिधि चारो तरफ पहेली हुई थी |
उनके पास हर कोई अपनी अपनी समस्याओ का हल निकालने आते थे, और वो सभी की समस्याओ का हल उनको बताते थे | उन्हें लोगो को मदद करना बहुत अच्छा लगता था |
उसी नगर ने एक किसान रहता था | जिसका नाम अभागु था | असल में उसके माता – पित्य ने उसका नाम सुंदर रखा था लेकिन उस नगर के लोग उसे अशुभ मानते थे क्योकि वह जो भी करता उसे हमेशा नुकसान ही होता था इसलिए लोगो ने उसे अभागु कहना शुरू कर दिया था | यहाँ तक की सुबह-सुबह लोग उसका चेहरा भी देखना पसंद नहीं करते थे |
वहा के राजा हरिश्चंद्र ने भी उसके बारे में सुन रखा था लेकिन वह स्वंय यह चाहते थे की इस बात की जाँच होनी चाहिए |
राजा ने कुछ दिनों बात अभागु को राजमहल में बुलाया और रात को वाही रोक लिया और अपने सिपाहियों को यह आदेश दे दिया की मेरे उठने से पहले इसे मेरे सामने खड़ा किया जाए |
अगले दिन जब राजा उठे तो अभागु उनकी आँखों से सामने था | उन्होंने उसको देखा और अपने दिनचर्या में व्यस्त हो गए |
दुपहर में जब वो खाना खाने के लिए बेठे तो कही से एक मक्खी उडती हुई आई और खाने में गिर गई | यह देखकर राजा को बहुत क्रोध आया | राजा ने इस पूरी घटना को अभागु के साथ जोड़ दिया और अभागु को कसूर वार घोषित कर दिया और उसको उमर केद की सजा सुना दी |
उस दिन अभागु सच में अभागा हो गया | इस बात का जब रवि जी को पता चला तो उनको बहुत दुःख दुआ | उन्होंने मन ही मन यह निष्चय कर लिया की वो उसको निर्दोष साबित करके ही दम लेगे |
अगले दिन जब सभी दरबारी दरबार में बेठे थे तो रवि ने अभागु की बात सुरु कर दि और राजा हरिश्चंद्र जी से सवाल कर दिया की महाराज, “आप ही बताइए की अभागा क्यों है वो सुंदर या आप स्वंम?”
यह बात सुनकर सभी दरबारी हेरान हर गए | राजा जी को भी यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आया की में कैसा अभागा हुआ | उन्होंने जोर से चिला कर बोला, “में कैसे अभागा हुआ?”
रवि जो बोले, “महाराज, आप ने सुबह-सुबह उसका चेहरा देखा तो आप को पूरा दिन खाना नसीब है हुआ परन्तु उसने भी तो सुबह-सुबह आप का ही चेहरा देखा, तो उसका आप ने उमर केद की सजा सुना दी | तो आप ही बताइए की अभगा कोन हुआ – वो या आप? |
राजा जी को अपनी गलती का अहसास हुआ और अपने सेनिको को बुला कर उसे छोड़ने का आदेश दे दिया और साथ ही साथ यह घोषणा भी कर दी की आज से बाद उसके कोई भी अभागु नहीं बुलाएगा |