पालतू कुता

एक व्यक्ति के पास एक समझदार तथा वफादार कुता था | वह उस कुते को बहुत प्यार करता था | वह दिन रात मुस्तेदी से अपने मालिक के कारखाने की देखभाल किया करता था |

एक दिन सड़क पार करते हुए वह तेजी से जाती हुई कर के नीचे आ गया | उसकी दोनों पिछली टागे बुरी तरह जख्मी हो गई | डॉक्टरों ने उसका बहुत इलाज किया परन्तु वे उसकी टागों को ठीक नहीं कर पाए | अब बाकि की जिन्दगी उसे घसीटते हुए कटनी थी क्योकि अब वह कारखाने की ठीक ढंग से देखभाल करने में असमर्थ था |

कुछ दिनों बाद, एक दिन उसे कारखाने के अहाते में उगे अदरक की महक आई | अदरक उजाड़ स्थान पर लगा था जहा कोई नहीं जाता था किसी तरह वो कुता वहा गया और अपने पंजो से जमीन कुरेदने लगा |

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