कैसे वापिस आया जननत से बीरबल

जैसे की हम सभी जानते है की बीरबल अकबर के दरबार के नव-रत्नों में से एक था | इसलिए महाराज अकबर बीरबल के प्रति विशेष ध्यान देते थे और यही देखकर दरबार के कई लोग उनसे जलते थे | उन लोगो में से एक बादशाह का मुह्लगा नाइ भी था | वो हर समय मोके की तलाश में रहता था की किस तरह से बीरबल को नीचा दिखा सके और हमेशा बादशाह के कान भरता रहता था |

एक दिन की बात है वह बादशाह की दाड़ी बनाते समय बादशाह से बोला, “महाराज, आज मुझे आप के पुरखो का सपना आया, वो बहुत दुखी लग रहे थे और वो कहे रहे थे की आप ने भी कोई खेर-खबर नहीं ली |

यह सुनकर बादशाह बोले, “बेवकूफ, जन्नत से भी कोई खबर आती है|“`

नाइ बोला, “बादशाह क्यों नहीं? आप किसी समझदार और होशियार आदमी को जन्नत भेजिए, वह आपके पुरखो की खेरियत का पता लगा लाएगा |”

“ऐसा समझदार और बुद्धिमान व्यक्ति कोन हो सकता है जो जन्नत जा कर मेरे पुरखो की खेर-खबर का पता लगा सके |” बादशाह ने कहा

नाइ झट से बोला, “बादशाह, बीरबल से अधिक होशियार और बुदिमान और कोन हो सकता है | आप उन्हें ही भेजे |”

बादशाह बोले, “ठीक है परन्तु यह जायगा कैसे?”

नाइ बोला, “इसमें क्या मुश्किल है बादशाह | श्मशान भूमि में एक जगह पर लकडियो का ढेर लगा कर उस पर उसे बिठा देगे और लडकियों को आग लगा दी जायगी | उसमे से जो धुआ निकले गा उसी से वह जन्नत पहुच जायेगा |”

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बीरबल का राज

एक दिन बीरबल ने जब बादशाह अकबर के दरबार में प्रवेश किया तो उसने देखा की सभी दरबारी हंस रहे है | उसने बादशाह से पूछा, “मगराज| आज सभी दरबारी इतने खुश क्यों है?

“अरे, कोई खास बात नहीं, बीरबल |” अकबर ने जवाब दिया |” हम लोगो की त्वचा के रंगो के विषय में चर्चा कर रहे थे | अधिकतर दरबारी और स्वंय में गोरे में हु | तुम हमसे काले कैसे?” हमेशा की तरह बीरबल का जवाब तेयार था | ओह: शायद आप मेरी त्वचा के रंग के रजके विषय में नहीं जानते?”

“राज ! कैसा राज |” अकबर ने पूछा |

“बहुत समय पहले भगवान ने इस संसार को पेड़-पोधो, पशु-पक्षियों आदि से भरपूर बनाया था | पर बे इस रचना से संतुष्ट नहीं थे | इसलिए उन्होंने मनुष्य की रचना की | अपनी इस नई रचना की देखकर वे अत्यंत प्रसन्न हुए | इसलिए उन्होंने तोहफे के तोर पर रूप, दिमाग तथा धन देने का निर्णय किया | उन्होंने घोषणा की कि प्रत्येक व्यक्ति को पांच मिनट का समय दिया जायगा ताकि सभी अपनी इच्छाअनुसार कोई भी तोहफा चुन सके | मेने सारा समय बुद्धि इकट्ठा करने में लगा दिया जिससे दूसरी वस्तु चुनने का समय ही नहीं बचा | आप सभी रूप और धन इकट्ठा करने में लगे रहे और बाकि तो सब जानते ही है | “ बीरबल ने जवाब दिया |

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