बहुत पुरानी बात है| एक गाँव के पास एक घना जंगल था और उस जंगल में बहुत सारे पशु पक्षी रहते थे उसी जंगल एक तलाब था जिसमे सबी पशु पक्षी पानी पीने आते थे इसी तलाब में एक मगर भी रहा करता था
यह मगर गंदा और बहुत भयानक था | जो भी छोटे छोटे जानवर पानी पीने आते थे उन्हें पकड़ कर खा लेता था वहा पर एक हिरण भी आता था पानी पीने | बहुत दिनों से चीकू की नजर उस पर थी | वह उसे खाना चाहता था | हिरण बहुत भोला परन्तु बहुतसाथ ही साथ समझदार और चलाक भी था | इसलिए वह पानी पीने और नहाने का काम सावधानी से करता था | सवेरे – सवेरे जब चीकू सो रहा होता, वह चुप के वहा जाता और अपना काम पूरी तरह से कर लेता था |
एक दिन की बात है हिरण को दोपहर के समय बहुत प्यास लगी | वह तलाब के पास पहुचा और पानी पीने के लिए तलाब में घुसने लगा | चीकू इसी मोके की रहा में था | वह जो ही घुसा उसने हिरण की टांग पकड़ ली | हिरण बुरी तरह से डर गया था | उसने चलाकी से काम लिया और इधर उधर देखने लगा | उसे एक लकड़ी दिखाई दी और अपने मुह से उठाकर थोड़ी ही दूर पर रखा दिया और चीकू को कहा, “चीकू मामा, चीकू मामा इस लकड़ी को छोड़ कर मेरी टांग चबा लो, तुम्हे मजा भी आएगा | यह सुनते ही चीकू ने उसकी टांग छोड़ कर उस लकड़ी को पकड़ा लिया और हिरण उछल कर दूर चला गया और चीकू देखता रहा गया |
सीख: हमेशा मुसीबत के समय अपनी अक्ल से काम लेना चाहिए |