घड़ीवाला और समय की भूलभुलैया

घड़ीवाला

बेलागांव, एक शांत और हरियाली से भरा गाँव, जहाँ वक्त जैसे थमकर चलता था। उसी गाँव की एक गली के आख़िरी मोड़ पर थी एक पुरानी सी दुकान — “समय मंदिर”। धूल से अटी पड़ी उस दुकान की लकड़ी की तख्ती अब मुश्किल से पढ़ी जाती थी। उस दुकान को चलाते थे हरीश चाचा, जो … Read more