नवरात्र के मौके पर दुर्गा सप्तशती के पाठ का विशेष आध्यात्मिक महत्व रहता है। ऐसा नहीं है कि नवरात्र के अवसर पर ही केवल दुर्गा पाठ किया जाता है अनदिना दिन भी हम दुर्गा कवच पाठ करते हैं।
दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय उससे पहले तीन प्रथम अंग है: कवच, अर्गला और किलक स्तोत्र का भी पाठ किया जाता है। कवच का अर्थ होता है सुरक्षा, घेरा।
इसमें देवी कि वह अमोघ शक्तियां शामिल है जिनका स्मरण करने से ही मनोवैज्ञानिक तरीके से लाभ होता है। इसको विज्ञान भी मानता है
कि हम जब सकारात्मक सोचने लगते हैं और यह अनुभव करने लगते हैं कि हम ठीक हो रहे हैं तो उसका बहुत ज्यादा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ने लगता है।
तो आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में दुर्गा कवच से जुड़ी संपूर्ण जानकारियां इसके विधि, प्रयोग एवं इससे जुड़ी सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने का प्रयत्न इस आर्टिकल द्वारा करेंगे।
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मां दुर्गा कवच संसार के अट्ठारह पुराणों में से सबसे महत्वपूर्ण एवं सबसे शक्तिशाली पुराण मार्कंडेय पुराण का हिस्सा है।यह भगवती पुराण कवच एक तरह से दुर्गा मां का पाठ है, जो हमें साहस,हिम्मत एवं अनुभूति प्रदान करता है और दुष्टों से हमारी भरपूर रक्षा करता है।
ऐसा कहा जाता है कि मां दुर्गा कवच को भगवान ब्रह्मा ने ऋषि मार्कंडेय को सुनाया था।
इस कवच में पूरे-पूरे 47 श्लोक शामिल है। वहीं इन श्लोकों के अंत में 9 श्लोक फल श्रुति में लिखे गए हैं। फलश्रुति का अर्थ यहां ऐसा पाठ जिससे पढ़ने या सुनने से भगवान का आशीर्वाद फल के रूप में प्राप्त होता है।
✓ भगवती मां दुर्गा कवच पाठ करने से पूर्व सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ अवश्य करें।
✓ यदि सप्तश्लोकी दुर्गा मां का पाठ नहीं कर सके तो कोई बात नहीं किसी भी मंत्र को 3 बार पढ़कर देवी कवच का पाठ शुरू कर सकते हैं।
✓ असाध्य रोग की स्थिति में देवी कवच का पाठ 3 बार करें।
✓ देवी कवच का पाठ करने के प्रारंभ और अंत में देवी सुक्तम का पाठ कर ले तो बहुत ही अच्छा होगा।
✓ देशी घी का दीपक जला कर पाठ अवश्य करें।
✓ देवी कवच के पाठ में शरीर के समस्त अंगों का उल्लेख किया गया है, तो पाठ करते वक्त कल्पना कीजिए कि आप स्वस्थ हो रहे हैं।
✓ इससे मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ेगा शरीर पर।
✓ हो सके तो नवरात्र पूरे हो जाने के पश्चात अष्टमी या नवमी के दिन काले तिलों से हवन अवश्य करें।
✓ यदि प्रतिदिन अग्यारी करते हैं तो काले तिलों से यज्ञ आहुति देते हुए कवच का पाठ अवश्य करें।
मां दुर्गा कवच पाठ सबसे शक्तिशाली कवच है यह असल में मंत्रों का एक समूह है जो कि हम मनुष्य की नकारात्मक शक्तियों से हमारी रक्षा करती है। देखा जाए तो यह कवच एक सुरक्षा कवच की तरफ भी कार्य करता है।
दुर्गा मां के इस कवच में मौजूद मंत्रों में हर प्रकार की नकारात्मक प्रतिकूल कंपन को सकारात्मक और आकर्षण कंपन में बदलने की पूरी ताकत होती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से और पूरी इमानदारी से मां
दुर्गा कवच के मंत्रों का उच्चारण करता है वह दुनिया में मिलने वाली हर तरह की बुराइयों से सुरक्षित एवं दूर रहता है। दुर्गा मां के पूजन यानी नवरात्रि के समय दुर्गा कवच पाठ करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
आपको बता दें कि दुर्गा मां हिंदुओं के प्रमुख देवी है जिससे लोग देवी और शक्ति के नाम से भी जानते हैं। मां दुर्गा को प्रधान प्रकृति, बुद्धत्व की जननी, आदिशक्ति, गुणवती माया तथा विकार रहित कहा जाता है।
इसलिए दुर्गा कवच में इतनी शक्ति होती है कि वह बुरी से बुरी ताकत से भी लड़कर हमारी रक्षा करती है।
गुरुदेव श्री रविशंकर जी के अनुसार मां दुर्गा कवच के अलग-अलग नाम है। जो हमारे मनुष्य शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर आधारित होती हैं।
देखा जाए तो यह योग निद्रा के समान ही है। लेकिन नामों से युक्त है हरनाम में अलग-अलग गुण और कोई ना कोई ऊर्जा निहित है और नाम एवं रूप में घनिष्ठ रिश्ता है।
केवल नवरात्रि के समय ही नहीं बल्कि हर दिन दुर्गा कवच के इस शक्तिशाली असर को गहराई में उतारने दें। इस व्यस्त चलते दौर में यदि संपूर्ण दुर्गा सप्तशती पढ़ने का वक्त ना मिले संक्षिप्त कवच पाठ से भी काम चल सकता है।
आप ख्याल रखें कि कवच पाठ को मेकेनिकल तरीके से ना करें बल्कि जिन अंगों की सुरक्षा की बात पाठ में की गई है।
वहां अपने मन को ले जाएं और भाव करे की वह अंग विशेष सेहतमंद है। लगातार इस तरह की सोच से आपका शरीर कुछ दिनों में ही तंदुरुस्त और अच्छा हो जाएगा।
दुर्गा कवच का अर्थ रक्षा करने वाला ऐसा कवच जो हमारे चारों तरफ एक आवरण के रूप में हमारी रक्षा करता है। जब भी हम इस कवच का सही उच्चारण करते हैं तो हमारे आसपास सुरक्षा कवच का निर्माण हो जाता है जो हर प्रकार की नकारात्मक उर्जा से हमारी रक्षा करना शुरू कर देता है।
नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा कवच का आप अवश्य जाप करें। यह हर व्यक्ति की आत्मा को संतृप्त करता है। और डर से मुक्ति भी दिलाता है यदि आपके घर में किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति का आगमन है या फिर घर में संकट एवं
निष्कर्ष:-
आज हमने आपको इस आर्टिकल में मां दुर्गा कवच पाठ से संबंधित संपूर्ण जानकारियां प्राप्त कराई है। हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के बाद आपको मां दुर्गा कवच पाठ की संपूर्ण जानकारी तो प्राप्त हो ही गई होगी और यह भी पता चल गया होगा कि दुर्गा कवच से सुख,
समृद्धि एवं शांति का वास किस प्रकार से होता है,एवं आप किस तरह इस कवच पाठ से खुद को निडर समझ सकते हैं।और उससे जुड़ी सभी जानकारियां हमने उपरोक्त अपने आर्टिकल में बता दिया है।आशा करते हैं कि हमारा यह आर्टिकल आपके लिए बेहद ही सहायक पूर्ण एवं सुविधाजनक रहा होगा।
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