सिख धर्म के पूर्व का इतिहास

सीख धर्म के पूर्व भारत की दशा बहुत खराब थी | तेमूर ने भारत पर हमला करके बहुत बड़ी मात्रा में सोना, चांदी लुट लिया था | और वह चाहता था की भारत के सभी लोग इस्लाम को अपना ले | लिकिन भारत में अधिकतर लोग इस्लाम को मानने के विरुद थे इसलिए तेमूर को भारत में ज्यादा न मिल सकी | बस कुछ ही लोगो ने इस्लाम को कबूल किया |

उस दोरान बहुत सी लड़ाईया हुई हिन्दुओ और मुसलमानों में | और इसी दोरान मुस्लिम संतो ने हिन्दुओ और मुसलमानों के बिच की इस खाई को पाटने की भरपूर कोशिश की | और इसी के चलते भक्ति आन्दोलन और सूफी परंपरा एक – दुसरे से काफी प्रभावित हुई | दोनों धर्मो के संतो ने बहुत कोशिश की दूरियों को दूर करने की |

और इन सबके बावजूद दोनों धर्म एक दुसरे से प्रथक रहे और कभी भी एक दुसरे के निकट नहीं आ सके | दोनों ही धर्म एक दुसरे के कटर दुश्मन बने रहे | हिन्दू धर्म में बहुत से विभिन्न प्रकार की जातिया है परन्तु इस्लाम धर्म जातियों में विश्वास नहीं रखता | मुसलमान केवल एक ही ईश्वर में विश्वास रखता है परन्तु हिन्दू धर्म में बहुत से देवी देवता है | मुसलमान हिन्दुओ को “काफिर” कहते और हिन्दू मुसलमानों को “म्लेच्छ“ कहते थे |

मुसलमानों के शासन काल में हिन्दुओ की बहुत ही बुरी दशा हो चुकी थी उन्हें दुसरे स्तर का नागरिक समझा जाता था | और हर जगह उनके साथ पक्षपात होते रहा, उनको अपमानित किया जाता था | हिन्दू किसी भी तीर्थ स्थल पर जाने से पहले कर दिया करते थे | वह न तो कोई मन्दिर बना सकते थे और न ही किसी मन्दिर की मरमत करवा सकते थे | यहाँ तक यह भी कहा जाता था की गुरु नानक के समय में पंजाब की इतनी बुरी हालत नहीं थी जिंतनी की बाकि राज्यों की |

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