आज्ञाकारी बीरबल

बीरबल अकबर के दरबार का सबसे ईमानदार और वफादार मंत्री था | एक बार बादशाह अकबर कि सबसे प्रिय पत्नी ने बादशाह से मिलने के लिए अपना सेनिक संदेश लेकर भेजा क्योकि बादशाह सही दरबार में थे, इसलिय वह संदेश लेकर दरबार में ही पहुच गया | बादशाह ने सोचा कि में कार्य समाप्त करके ही जाऊगा | कुछ समय पश्चात महारानी ने संदेश भेजा | बादशाह अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे | इसलिय वह तुरंत कार्य छोड़ कर चलने लगे | बादशाह कि रानी से मिलने कि उत्सुकता को देखकर बीरबल अपनी मुस्कुराहट नहीं रोक पाया | उसे इस प्रकार मुस्कुराता देख बादशाह क्रोधित हो गए |

“मुझ पर इस प्रकार हंसने कि तुम्हारी हिम्मत केसे हुई ? तुम्हे तुम्हारे इस व्यवहार के लिए दंड दिया जायगा | में तुम्हे आदेश देता हु कि तुम अपने पैर जमीन पैर नहीं रखोगे | तुम यहाँ से चले जाओ|”

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