कठिन प्रशन

बादशाह अकबर के शाही दरबार की कार्यवाही स्थगित हो गई थी | सभी दरबारी और महाराज जाने ही वाले थे की तभी एक सुरक्षाकर्मी भागता हुआ आया और बोला, “महाराज, दक्षिण भारत से एक विद्वान पंडित अभी अभी पधारे है वह आपसे ओर बीरबल से तुरंत मिलने के उत्सुक है | वह इसी उदेश्य से आगरा आये है |

“इस प्रकार उन्हें प्रतीक्षा कराना उचित नहीं है, उन्हें तुरंत शाही दरबार में लाया जाये |” बादशाह ने आदेश दिया |

जैसा ही सुरक्षाकर्मी पंडित को लेने के लिए चला गया तो बादशाह बोले, “बीरबल, अब बहुत देर हो चुकी है और में बहुत थक गया हु | तुम ही विद्वान पंडित से मिल लो और पता करो की वह कहना क्या चाहते है ?” बीरबल ने सर हिलाकर हामी भर दी |

पंडित के आने पर दोनों ने एक दुसरे को अभिवादन किया | उन्होंने बीरबल से कहा, “बीरबल मेने तुम्हारी बुदिमता के विषय में बहुत कुछ सुना है | में तुम्हारी परीक्षा लेना चाहता हु |,” मुझे बताओ , क्या में तुमसे सो सरल प्रशन पूछु या फिर एक कठिन प्रशन?”

बीरबल ने सोचा, “महाराज थक चुके है और विश्राम के लिए जा चुके है| सो प्रशनो का जवाब देने का समय नही है|” इसलिए बीरबल ने कहा, “पंडित जी, आप सिर्फ एक कठिन प्रशन पूछिए |”

पंडित ने कहा, “बीरबल, बताओ पहले क्या आता है, मुर्गी या अंडा?”

बीरबल ने तुरंत जवाब दिया, “मुर्गी पंडित जी“

“तुम कैसे कहे सकते हो बीरबल?”

“ओह, और प्रशन नहीं पंडित जी, आपने वादा किया था की केवल एक प्रशन पूछेगे जो पूछा जा चूका है |” बीरबल ने कहा |

पंडित जी बीरबल की चालाकी समझ चुके थे | उन्होंने बीरबल की तारीफ की | तभी बादशाह अकबर और एनी दरबारी भी वहा आ गए |

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