हिन्दू धर्म को मानने वाले आज परंपरा और सचाई के बीच फसे हुए है | यह हिन्दू धर्म की एक बड़ी कमजोरी है | इसी से इसका सामाजिक विकास रुक सा गया है | हमे हमेशा सचाई का दामन पकड़े रहना चाहिए क्योकि सचाई ही हमारा मार्गदर्शन करती है | भगवान कभी भी यह नहीं कहता की में परंपरा को मानने वाला हू, वह हमेशा कहता है कि में सचाई को मानता हू |
सचाई सचाई सबसे ऊपर है, जीवन में इससे बढ़ का कुछ भी नहीं है | मानव जाती का इतिहास भी रीती – रिवाजो और प्रथाओ के इर्द गिर्द घूमता रहा है | रीती – रिवाजो और प्रथाए समय के साथ बदलती जाती है और कुछ समय बाद अपना उदेश्य खो देती है और उदेश्य खोते ही म्रतप्राय हो जाती है | हिंदुत्व हमेशा से इन पुरानी परंपराओ और रीती रिवाजो से निकलने कि चुनोती का सामना करता रहा है और इनसे मुकत होने कि कोशिश हमेशा जरी रहेगी |
आज का विधार्थी कल का नागरिक होता है और शीषक कि यह जिम्मेदारी होती है कि वह हर विधार्थी को एक अच्छा इन्सान बनाए | शीषक को अपने विधार्थीयो को या शिक्षा देनी चाहिए कि वे कुछ देर बिलकुल एकांत में बैठे और उस एकांत में अपने आप से यानि अपनी आत्मा के साथ संपर्क स्थापित करे| इस चिंतन से विधार्थीयो को अपने विचारो को एकत्र करने, उन्हें पुनर्जीवित करने और व्यकित्त्व का विकास करने में सहायता मिलती है | सबसे बड़ी बात है कि आत्मा चिंतन करने से अपने आपको पहचानने यानि अपनी आचइयो और बुराइयों का विस्लेष्ण करले में मदद मिलती है |
वास्तव में धर्म क्या है, इसका पटा तब चलता है जब हम अकेले होते है | तब हम जो भी करते है या हमारा जेसा व्यवहार होता है वाही धर्म है | हर मनुष्य के अंदर एक संत होता है | हम में से अपने अंदर छुपे हुए उस संत कि तलाश करनी चाहिए और इस बात पर नज़र रखनी चाहिए कि हमरा सासारिक व्यवहार हमारे अंदर छुपे हुए संत के विचारो का अनुसरण करता है कि नहीं |
जिस तरह से अच्छाई और बुराई में भेद करता कठिन है उसी तरह अच्छे इन्सान और बुरे इन्सान में भेद करना भी जटिल काम है | विचारो को तो सिद्वांतिक रूप से अच्छे और बुरे में बाटा जा सकता है लेकिन पुरुषो और महिलाओ को किसी भी श्रेणी में बाटना बहुत ही मुशिकल है | इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हम में से हरेक के अंदर कुछ अच्छाइया और कुछ बुराइया होती है |
समाज का किसी भी चीज को सही और गलत मानने का बहुत ही अजीबोगरीब पैमाना है | यह समाज गेर रुड़िवादी व्यकितगत संबंधो को गलत मानता है लेकिन वही जब कई देश युद्ध में शामिल होते है तो उसे यही ठहराता है| कुर्र्ता, विस्वासघात और शोषण को यह समाज क्षमाँ कर देता है लेकिन गलत आदमी से प्रेम करने कि यही समाज तीव्र निदा करता है जबकि किसी गलत आदमी से प्यार करना कोई अपराध नहीं है | इस संसार में एक सचा मित्र मिलना बहुत ही मुशिकल है | बहुत ही काम लोग होते है जिनके अच्छे मित्र होते है और जो खुद एक अच्छे मित्र बनने को क्षमता रहते हाउ | एक अच्छा मित्र एक अच्छा विश्लेषक होता है और वह हमेशा यह कोशिश करता हाउ कि अपने मित्र में छुपे अंधविश्वासों और बुरी आदतों का न केवल तर्कपूर्ण विश्लेषण क्र बल्कि उन्हें दूर भी करे |
मनुष्य का स्वभाव भी अलग अलग तरह का होता है कुछ लोग बिलकुल शांत होते है क्योकि उनके पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं होता, लेकिन कुछ लोग केवल शांत इसलिए होते है क्योकि उनकी बातो को सुनने वाला कोई नहीं होता | एक अच्छा मित्र कभी भी निराशाजनक सचाई का सामना करने से नहीं घबराता बल्कि वह हर चीज को उसके वास्तविक रूप में स्वीकार करता है | हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति जन्मजात दुष्ट नहीं होता बल्कि परिशिथ्तियो और अन्य वजहों से ऐसा हो जाता है | इसलिय हमे कभी भी यह मान कर नहीं चलना चाहिए कि यह तो दुष्ट है और इसमें सुधार नहीं हो सकता है |