बढ़ते हुए रहन सहन के तौर तरीको से मानव शरीर में वाता अनुकूलित न होने की वजह से तरह तरह की बीमारियां होने लगती है । एक ऐसी ही बीमारी है बवासीर जिसे English में Piles ( पाइल्स ) भी कहते है । यह एक बहुत ही खराब और जड़ बीमारी है जो हमारे खान पान के तौर तरीको की वजह से होती है । यह बीमारी बच्चो और बढ़ती उम्र के लोगो में प्रायः देखी जाती है । इस बीमारी में गुदा द्वार से रक्त आने लगता है और असहनीय पीड़ा होती है ।
आज हम बात करने वाले है इसके कारण, लक्षण और उपचार की जिससे पुरानी से पुरानी बवासीर को बिना ऑपरेशन के खत्म किया जा सकता है ।
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बवासीर मुख्यत: दो प्रकार का होता है । खूनी बवासीर और बादी बवासीर
खूनी बवासीर:–
खूनी बवासीर में व्यक्ति के गुदा द्वार में असहनीय पीड़ा के साथ साथ खून भी आने लगता है । मल त्याग करने से पहले मल त्याग करते समय अथवा मल त्याग के पश्यात कभी भी गुदा द्वार से खून निकलने लगता है और बहुत पीड़ा का अनुभव होता है ।
खूनी बवासीर में लोग सोचते है की ऐसा पेट खराब होने की वजह से हो रहा है अथवा कोई और दिक्कतों से ये परेशानी हो रही है लेकिन वास्तविकता में वह बवासीर होता है जिसका जल्द से जल्द इलाज जरूरी है ।
बादी बवासीर:–
बादी बवासीर में तो खूनी बवासीर की तरह रक्त निकलने जैसी कोई बात भी नहीं है परंतु इसमें असहनीय पीड़ा होती है । इसमें गुदा द्वार के पास मस्से बन जाते है जिनकी वजह से मल त्याग के समय अधिक पीड़ा होती है । इसकी वजह से गुदा द्वार का छिद्र छोटा हो जाता है ।
पीड़ा के साथ साथ मन अशांत रहने लगता है मन में अजीब तरह की बेचैनी होने लगती है और किसी भी काम में व्यक्ति का मन नही लगता है ।
बवासीर के कारण :–
बवासीर के होने का प्रमुख कारण ठीक तरह से खान पान न होना, मसालेदार चीज ज्यादा खाना आदि हो सकता है । खाने का ठीक प्रकार से हजम न होना जो बाद में चलकर बवासीर का कारण बनता है ।
बवासीर अनुवांशिकता से भी जो सकता है । अगर माता पिता में से किसी एक को बवासीर की समस्या है तो उसकी बच्चो में आने की संभावना बढ़ सकती है ।
बढ़ती उम्र भी बवासीर होने की एक बड़ी वजह हो सकती है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ साथ मनुष्य के पाचन शक्ति पर असर पड़ता है और वह बवासीर का शिकार हो सकता है ।
बार बार कब्ज और गैस की समस्याओं की वजह से भी व्यक्ति को बवासीर हो सकती है ।
बवासीर के लक्षण :–
बवासीर होने का प्रमुख लक्षण है गुदा द्वार में दर्द होना और मल द्वार से रक्त के बहना । इसके कुछ प्रमुख लक्षण निम्न प्रकार से है ।
- मल त्याग के समय गुदा द्वार में हल्की पीड़ा होना और रक्त का स्राव होना ।
- मल त्याग के समय पीड़ा होना और बेचैनी होना भी पाइल्स अर्थात बवासीर का लक्षण हो सकता है ।
- बवासीर के शुरुआती लक्षणों में कब्ज गैस बने रहना आदि हो सकता है ।
- गुदा द्वार से मस्से निकलने जैसी समस्या भी इसका प्रमुख कारण हो सकती है ।
बवासीर के उपचार:–
बवासीर को खत्म करने के लिए तरह तरह के medical ट्रीटमेंट होते है जिसमे operation भी कराना होता है जिससे हमेशा के लिए इस समस्या से निजात पाया जा सकता है ।
परंतु आज हम कुछ ऐसे घरेलू उपचार बताने वाले है जिसकी मदद से आप आसानी से बवासीर की समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर कर सकते है वो भी बिना किसी ऑपरेशन के ।
केला:–
केले में बहुत औषधीय गुण पाए जाते है । छिलके निकाल कर उस पर कत्थे थोड़ा सा लगाकर रात भर खुले में रखे और सुबह खाली पेट खा ले यह बवासीर में बहुत फायदेमंद है ।
हल्दी:–
हल्दी में औषधीय गुण तो पाए ही जाते है, हल्दी को एलोवेरा अथवा देसी घी के साथ पेस्ट बनाकर मरहम की तरह प्रयोग करने से बहुत राहत मिलती है ।
लहसुन:–
लहसुन में कई गुण पाए जाते है छिले हुए लहसुन को सोते समय गुदा द्वार के अंदर डालकर रखे ऐसा करना पीड़ा देय हो सकता है परंतु बवासीर को जड़ से खत्म करने का रामबाण इलाज है ।
जीरा:–
जीरे को भून कर उसमे मिसरी मिलाकर रख दे और इसे नियमित रूप से चूसे । ये आपके बवासीर के लिए बहुत लाभदायक हो सकता है ।
त्रिफला चूर्ण:–
त्रिफला चूर्ण पेट की समस्याओं के लिए बहुत ही उपयोगी है इसके नियमित सेवन करने से बहुत सी समस्याओं का अंत हो सकता है ।
छाछ:–
छाछ पेट को ठंडक पहुंचाने के लिए पिया जाता है जो आप की अनेक बीमारियों को दूर करने में मदद करता है जीरे को भूनकर नमक डाकर छाछ में मिलाए और रख दे । प्यास लगने पर इसे पिए, बवासीर में बहुत फायदेमद है ।
बड़ी इलायची:–
बड़ी इलायची का सेवन मसाले के रूप में किया जाता है जो सेहत के लिए बहुत आवश्यक है ।
फाइबरयुक्त आहार:–
फाइबरयुक्त भोजन जैसे रोटी आदि का ही अधिक सेवन करे मसालेदार चीजों के सेवन से बचे ।
दिव्य अशकल्प वटी:–
पतंजलि के दिव्य अशकल्प वादी का सेवन करने से बवासीर में काफी राहत मिलती है ।
तिल:–
काली तिल को मक्खन के साथ सुबह खाली पेट खाने से पेट की समस्याओं और विशेषकर बवासीर में फायदेमंद होता है ।
हरितकी:–
हरितकी को गर्म पानी के साथ सोते वक्त पी ले आवश्यक होने पर गुड़ भी मिला सकते है । इसके सेवन से पाइल्स में बहुत लाभ मिलता है ।
अंजीर:–
अंजीर को गर्म पानी में भिगोकर रख दे सुबह खाली पेट खाने से पेट साफ रहता है और लगातार कुछ दिनों के सेवन से बवासीर की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है ।
आवला:–
आवले के चूर्ण को गरम पानी के साथ सुबह खाली पेट खाने से भी बवासीर मे राहत मिलती है ।
नीम:–
नीम की पट्टी को पानी में डालकर गरम करे और उससे गुदा द्वार को धुले इससे दर्द से राहत मिलेगी और धीरे धीरे बवासीर की समस्या का अंत हो जाएगा ।
इसबगोल:–
पेट को ठंडा रखने के लिए प्रयोग किया जाने वाला इसबगोल भी बवासीर में बहुत फायदेमंद है । इसके सेवन से पेट में ठंडक रहती है और कब्ज गैस जैसी समस्या से छुटकारा मिलता हा ।
हमे पूरी आशा है की आप ऊपर दिए tips को सिर्फ पढ़ेंगे नहीं बल्कि बवासीर से निजात पाने के लिए भी अवस्य try करेंगे । हमे जरूर comment बताये के आप को यह tips कैसे लगे ।
उम्मीद करते है आप नियमित रूप से इन tips को follow करेंगे बवासीर से छुटकारा पाने के लिए ।