मनुष्य की इच्छाएँ

मनुष्य की इच्छाएँ कभी खतम  नही होती | मानव की इछाये कुछ देर के लिये तो सुख देती पर मन की शांती नही दे सकती | मन एक प्रकार का रथ है जिसमे कामन, करोध, लोभ, मोह, अंहकर, ओर घृणा नाम के साथ अश्व जुटे है | कामना इन सब से प्रमुख है |

मन के तीन विकार होते है:- तामसिक, राजसिक व् सात्विक | तामसिक मन हमेशा दुसरो को नुकसान पहुचाने में आनंद प्राप्त करता है और राजसिक मन अहंकार व् शासन की बात सोचता है और सात्विक हमेशा प्रेम और शांति ही चाहता है| विवेक से ही मन को शांत और काबू में किया जा सकता है | मनुष्य के भीतर कामना, मोह, व् अंहकार जेसी जो व्रतिया है उनके सकारात्मक रूप भी है | माता पिता अपने बच्चो को कभी दुख नहीं दे सकते इसलिए कामना करते है की उनके बच्चे हमेशा सुखी रहे | मन का प्रेम ही उन्हें सन्तान के लिए बलिदान करने को भी तत्पर करता है | उनका इसमें कोई स्वार्थ नहीं होता है बस होती है तो कामना और आशीर्वाद | इसी तरह मोह का भी उदारण भी है | जब कोई युवक किसी युवती के प्रति आकर्षित होता है तो वह उसके अवगुण नहीं देखता और उसकी तरह खिंचा चला जाता है | पहले तो येन केन प्रकारेण वह उसे पाना चाहता है और पा लिया तो खोना नहीं चाहता है | उसका अंह जब जगता है तो वह खुद को उसकी नजरो में उठाने के लिए तरह-तरह से हाथ पैर मरता है | इस तरह वह अपने प्यार को पाने में सफल होता है |

नकारात्मक रूप में अंह मानव का दुश्मन भी है क्योकि यह दुसरो से बेमतलब मुकाबला करवाता है | इससे ग्रस्त व्यक्ति तरह-तरह की इच्छाएँ पलता है  और जब उससे नहीं मिलती तो बेमतलब दुखी भी हो जाता है | परन्तु अगर अंह सकारत्मक हो तो मानव का जीवन आनंद मय हो जाता है | मन को किस दिशा में ले जाना है वो इन्सान के हाथो में होता है | चाहे तो अच्छी जगह पर लगा दे या बुरी जगह पर | संतो ने कहा है: कामनाओ का अंत विनाश है | तो सवाल उठता है की क्या इनका त्याग कर देना चाहिए? क्या इन्सान को बड़ा बनने का सपना नहीं देखना चाहिए?

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मोत के आगे क्यों बेबस है इन्सान

दोस्तों क्यों बेबस है इंसान मोत के आगे की चाह कर भी वह कुछ नहीं कर सकता | में अपनी ज़िन्दगी की कुछ बाते आप लोगे के साथ बांट रहा हू | मेरे पिता को गुजरे हुए ९ महीने हो गए है पर आज भी आँखे रूकती नहीं अश्रु बहाए बिना | वैसे तो में बहुत सी ऐसे जगहों पर गया हुआ हू जहा पर किसी ना किसी की मोत हुई हो | पर में कभी किसी को मरते हुए नहीं देखा था तो मुझको एहसास न था की मोत केसी होती है ? और केसे आती है ? वो दूख दर्द क्या होता है? और केसे बेबस हो जाता है इंसान मोत के आगे की कुछ चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता |

दोस्तों मेरा पिता को lung cancer था ५ जनवरी का दिन था हम दोनों भाइ उस दिन छुट्टी पर थे | सुबह का वक़्त था में बाज़ार गया हुआ था कुछ समान लेने तभी मुझे मेरी बीवी का फ़ोन आया और कहा: आप ज़ल्दी आ जाओ, पापा की तबियत और खराब हो रही है | में तभी सारे काम छोड कर वापिस घर आ गया | उस वक़्त पापा के साथ हम सभी थे हम लोगो की आँखों के सामने पापा की आँखे उपर चड़ने लगी, हाथ – पाव ठंडे पड़ने लगे और सांसे अटक अटक आ रही मानो जैसे गिनती की सांसे ले रहे हो | मेरे मन में बस यही चल रहा था की किसी तरह पापा ठीक हो जाए, चाहे भगवान मेरी जान ले ले पर मेरा पापा को ठीक कर दे -“उस वक़्त को में शब्दों में बयान नहीं कर सकता” और बल्कि हम सभी लोग सही प्राथना कर रहे थे अपने अपने मन में | हमारे सामने पापा ने अपनी आखरी सांसे ली | उस वक़्त लगा मानो ज़िन्दगी रुक गई हो, सब ख़तम हो गया हो, हम भी मर जाए | उस वक़्त हम रोने के अलावा कुछ नहीं कर सकते थे चाह कर भी | क्यों बेबस है इंसान मोत के आगे की चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता | उस दिन मुझे पता चला की मोत क्या होती है दर्द, दूख क्या होता है अपने किसी के जाने का | रूह काप जाती है आज भी वो पल याद करके और मन रो पडता है |

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राजा का त्याग

एक बार काशी नरेश ने कोसल पर आक्रमण करके उस पर अधिकार कर लिया | कोसल के रह ने आत्मसमर्पण नहीं किया और वहा से पलायन कर गए | कोसल की प्रजा अपने राजा के जाने से अत्यंत दुखी थी और उनमें हमेशा याद करती रहती थी |

काशी नरेश को यह सहन नहीं हुआ | उन्होंने घोषणा की कि जो कोई भी कोसल के पराजित राजा को जीवित पकड़कर उनके सामने लाएगा, उसे पर्याप्त धन दिया जायगा और कोसल का मंत्री नियुकत कर दिया जायगा | इस घोषणा का प्रजा पर कोई असर नहीं पड़ा | उधर कोसल के राजा जंगलो में भटक रहे थे | एक दिन उनकी मुलाकात एक भिखारी जैसे व्यक्ति से हुई | राजा ने उसका परिचय पूछा तो बोला, में बहुत बड़ा, व्यापारी था मगर मेरा जहाज पानी में डूब गया, जिससे मेरा सारा माल बहगया और में दाने दाने का मोहताज हो गया हू | अब में कोसल के राजा के पास मदद मागने जा रहा हू | यह सुनकर राजा अत्यंत द्रवित हो गया | उन्हें काशी नरेश कि घोषणा का पता चल गया था, सो उन्होंने इस व्यक्ति की सहायता की एक योजना बनाई |

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